चुनावी बॉन्ड मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों और चंदा देने वाली कॉरपोरेट कंपनियों के बीच कथित सांठगांठ की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आज इस मामले की सुनवाई की। याचिका में चुनावी बॉन्ड योजना के तहत कथित चंदा लेने और लेन-देन की व्यवस्था की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की गई है।
इस साल फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को बेनामी फंडिंग की अनुमति देने वाली चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया और भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बांड जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया। इसके अलावा, अदालत ने एसबीआई को सभी दानदाताओं का विवरण सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया।
दो गैर सरकारी संगठनों, कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन द्वारा दायर याचिकाओं में दावा किया गया है कि एसबीआई द्वारा जारी चुनावी बांड के आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश कॉर्पोरेट घरानों ने राजनीतिक दलों को टेक-एंड-टेक-बिजनेस व्यवस्था के तहत दान दिया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि ये समझौते केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आयकर विभाग सहित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अभियोजन से बचने या वित्तीय लाभ के लिए किए गए हो सकते हैं। इसलिए इसकी न्यायिक निगरानी में एसआईटी से जांच करायी जानी चाहिए.