सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की मेडिकल जांच का दिया आदेश

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म की शिकार 14 साल की नाबालिग के 28 हफ्ते का भ्रूण हटाने की मांग करने वाली याचिका पर देर शाम सुनवाई की। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मुंबई के सियोन अस्पताल को नाबालिग लड़की का मेडिकल परीक्षण कल यानि 20 अप्रैल को करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।

कोर्ट ने सियोन अस्पताल को निर्देश दिया कि वो ये बताए कि अगर नाबालिग लड़की का भ्रूण हटाया जाता है तो उसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा। सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि बांबे हाई कोर्ट के आदेश के बाद जो मेडिकल रिपोर्ट आई, उसमें लड़की के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर कुछ नहीं कहा गया है।

चीफ जस्टिस की कोर्ट आज सुनवाई के लिए उठ चुकी थी। बाद में उन्हें इस मामले के बारे में सूचित किया गया। कोर्ट को बताया गया कि लड़की की मां ने पहले बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उसका भ्रूण हटाने की मांग की थी, लेकिन 4 अप्रैल को बांबे हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी। उसके बाद कोर्ट ने मुंबई के सियोन अस्पताल को मेडिकल बोर्ड गठित कर कल यानि 20 अप्रैल को लड़की का मेडिकल परीक्षण करने का आदेश दिया। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वो लड़की को अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम करें। कोर्ट को बताया गया कि नाबालिग लड़की का रेप किया गया था। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।