नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के अपने निर्देशों पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की अनुपालन रिपोर्ट पर विचार कर सकता है।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने में विफलता के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की खिंचाई की थी। शीर्ष अदालत ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर नाराजगी व्यक्त की थी और कहा था कि पराली जलाने और अन्य कारणों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता आयोग अधिनियम, 2021 है के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करने की आवश्यकता है शीर्ष अदालत ने कहा कि जमीनी स्तर पर यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराई गई मशीनरी का इस्तेमाल किया जाए.