पीड़िता का नाम उजागर करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी नजर, कोलकाता मामले पर ममता सरकार को भी तगड़ा झटका

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कोलकाता रेप मर्डर केस: कोलकाता रेप और हत्या मामले में पीड़िता के परिवार ने उसकी पहचान और तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज की है. इस मामले पर आज (30 सितंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कड़े शब्दों में आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का आदेश दिया और केंद्र सरकार को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया जो सोशल मीडिया से ऐसे पोस्ट हटा सके. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ममता सरकार को भी फटकार लगाई.

ममता सरकार पर जमकर बरसीं

सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘चिकित्सा संस्थानों में सीसीटीवी लगाने, शौचालय की सुविधा देने और अलग विश्राम कक्ष बनाने की प्रक्रिया में अब तक 50 फीसदी से ज्यादा काम नहीं हुआ है, प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों है ? हम 9 अगस्त से इस मामले पर नजर रख रहे हैं.’ इसके बाद कोर्ट ने सरकार को 15 अक्टूबर तक काम पूरा करने का निर्देश दिया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के खिलाफ एक लाल नजर

सुप्रीम कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पीड़िता का नाम और पहचान उजागर नहीं करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा, ‘हमारा पिछला आदेश विकिपीडिया तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश दिया जाता है कि वे पीड़ित के नाम और पहचान का खुलासा न करें.’

कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया

कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे जिससे लोग ऐसे पोस्ट के बारे में शिकायत कर सकें और वह अधिकारी ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट को हटाने के लिए कदम उठाए. पीड़ित परिवार की ओर से पेश एक वकील ने कहा, ‘पीड़िता के नाम और फोटो का खुलासा करने वाले कई पोस्ट सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं, जो बहुत चिंताजनक है।’

 

जांच पर सीबीआई ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच को लेकर कहा, ‘सीबीआई जांच में अहम सुराग मिले हैं और इस मामले में सीबीआई को अपनी जांच जारी रखनी चाहिए. सीबीआई जांच में अस्पताल में बलात्कार की घटना और आरजी कर मेडिकल इंस्टीट्यूट में वित्तीय अनियमितताओं दोनों के बारे में जानकारी मिली है। ‘सीबीआई रिपोर्ट से पता चलता है कि पीड़ित द्वारा पहने गए ब्रेसिज़ और चश्मे के कारण चोट जल्दी लगी।’