धमतरी, 15 दिसंबर (हि.स.)। इन दिनों तापमान में लगातार गिरावट होने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इससे लोग दिन में भी गर्म कपड़े पहनने विवश हैं। सुबह व शाम के समय अलाव का सहारा लेते हुए लोगों को देखा जा सकता है।
साल के अंतिम माह दिसंबर में ठिठुरन भरी ठंड ने सभी वर्ग को झकझोर के रख दिया है। लगातार तापमान में गिरावट होने एवं दिनभर हल्की हवाएं चलने से इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इससे बचने लोग दिन में भी गर्म कपड़ा पहनने लगे हैं। सूर्य के अस्त होते ही ठिठुरन भरी ठंड शुरु हो जाती है। इसे देख अधिकांश लोग अपने घरो में दुबक जाते हैं। अलाव सहित अन्य जतन कर ठंड से बचने की जुगत में लगे हुए हैं। कड़ाके की ठंड ने सभी वर्ग को पूरी तरह से हलकान कर दिया है। सुबह की ताजी हवा शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मददगार साबित होती है। इसे ध्यान में रख लोग मार्निंग वाक कर करते हैं। ठंड ने मार्निंग वाक करने वालो की परेशानी बढ़ा दी है। कड़ाके की ठंड के चलते अधिकांश लोग मार्निंग वाक पर जाना बंद कर दिया है। साथ ही सुबह पांच बजे उठने वाले लोग ठंड के चलते छह से सात बजे के बीच उठ रहे हैं। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे भी स्कूल जाने आनाकानी करने लगे हैं। ठंड के चलते दिनचर्या भी बदलने लगी है। साथ ही ठंड का विपरीत असर बच्चे एवं बुजुर्गों की सेहत पर भी पड़ रहा है। इससे उसके स्वजन काफी चितिंत हैं।
शीतलहर में सावधानी बरतें
एमडी मेडिसीन डा जीएस ठाकुर ने कहा कि, शीतलहर के दौरान यथासंभव घर पर रहे। ठंडी हवा से बचने कम से कम यात्रा करें। पहने हुए कपड़ा हमेशा सूखा रखें, गीला होने पर शरीर की गर्मी बचाने शीघ्र कपड़ा बदलें। दस्ताने अच्छा रक्षा कवच होता है। नियमित रूप से गर्म पेय सेवन करें। अंगुलियों एवं अंगूठों का सफेद होना या फीकापन या नाक के टिप पर शीत दंश शीतलहर के प्रभाव के लक्षण होते हैं। शीत दंश से प्रभावित शरीर को आग से गर्म न करें। उस पर गर्म पानी डाले जो शरीर के अप्रभावित हिस्सों के लिए तापमान स्पर्श करने लायक हो। शराब का सेवन नहीं करें। यह शरीर के तापमान को घटाता है।