जगदलपुर, 24 जून (हि.स.)। बीजापुर जिले के कोरचोली गांव की निवासी सुनीता पोटाम की नक्सल मामलों में शामिल होने के आरोप में तीन जून को हुई गिरफ्तारी के मामले को लेकर मूलवासी बचाओ मंच की सोनी सोरी ने आज सोमवार को पत्रकार भवन में वार्ता आयोजित की। पत्रकार वार्ता में आदिवासी जनप्रतिनिधियों पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सुनीता पोटाम को फर्जी ढंग से गिरफ्तार किया गया और जेल में अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुनीता पोटाम रायपुर में पढ़ाई कर रही थी और मूलवासी बचाओ मंच से जुड़कर आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय थी। पुलिस ने उस पर नक्सल मामलों में शामिल होने और नाम बदलकर रहने का झूठा आरोप लगाया गया है।
सोनी सोरी ने कहा कि बस्तर में आदिवासी दोनों तरफ से मारे जा रहे हैं, लेकिन किसी भी आदिवासी जनप्रतिनिधि को इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने बीजापुर की महिला डीएसपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि गिरफ्तारी के दौरान सुनीता को अमानवीय ढंग से घसीटते हुए जेल में बंद किया गया और उनकी बुनियादी जरूरतों को भी अनदेखा किया गया। सोनी सोरी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत सभी वर्गों को साथ लेकर नक्सल संगठन से हिंसा बंद करने के लिए वार्ता की पहल करें।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में शांति की पक्षधर है, तो उसे आदिवासी समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्होने कहा कि सुनीता पोटाम के गिरफ्तार मामले ने एक बार फिर आदिवासी समुदाय के प्रति असंवेदनशीलता और उनके अधिकारों के हनन के मुद्दे को उजागर किया है, जो बस्तर में लंबे समय से चला आ रहा है। पत्रकार वार्ता के दौरान गिरफ्तार सुनीता पोटाम के पिता आयतू पोटाम, मूलवासी बचाओ मंच के अन्य सदस्य सावित्री पोटाम, आयतू पोटाम, विनेश, श्रेया और पीयूसीएल की पदाधिकारी रिनचिन भी उपस्थित थे।