मोहम्मद सिराज पर ऑस्ट्रेलियाई फैंस की हूटिंग, सुनील गावस्कर ने कसा तंज

India VS Austarlia, sunil Gavaskar on mohammed Siraj, sunil gavaskar, mohammed siraj, ind vs aus, border-gavaskar trophy,

नई दिल्ली: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार उनके प्रदर्शन से ज्यादा वजह ऑस्ट्रेलियाई फैंस का उनके साथ किया गया व्यवहार है। ब्रिस्बेन के गाबा में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने सिराज को जमकर हूट किया। इस घटना ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है।

दूसरे टेस्ट के विवाद से बढ़ा मामला

इससे पहले एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में सिराज और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड के बीच कहासुनी हुई थी। उस मैच में सिराज ने हेड को आउट किया था, जिसके बाद दर्शकों ने उन्हें निशाना बनाया था। ये सिलसिला ब्रिस्बेन में भी जारी रहा।

गावस्कर की कड़ी आलोचना

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। गावस्कर ने ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ में अपने कॉलम के जरिए ऑस्ट्रेलियाई फैंस और मीडिया की आलोचना की। उन्होंने लिखा:

“सिराज को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के उन ‘संतों’ से ज्ञान मिल रहा है जो अपने शानदार व्यवहार के लिए जाने जाते थे। सिराज ने जिस तरह से बेहतरीन शतक जमाने वाले हेड को आउट किया, उससे शायद ऑस्ट्रेलियाई फैंस नाराज हो गए। लेकिन अगर कोई ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज किसी बल्लेबाज को ऐसी विदाई देता, तो यही लोग उसकी तारीफों के पुल बांधते।”

गावस्कर का व्यंग्य भरा सवाल

गावस्कर ने आगे तंज कसते हुए लिखा:

“ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कह रहा है कि उनकी टीम को फिर से वही ‘मोंगरेल’ (एक प्रकार का कुत्ता) बन जाना चाहिए, जो वह पहले थी। लेकिन सवाल यह है कि ये मोंगरेल सिर्फ गुर्राते हैं या भौंकते भी हैं?”

सिराज की परिपक्व प्रतिक्रिया

गावस्कर ने यह भी कहा कि सिराज ने जिस तरह से इस स्थिति को संभाला, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने लिखा:

“सिराज की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक थी, खासकर तब जब आईपीएल ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और भारतीय खिलाड़ियों के बीच के अंतर को कम कर दिया है। आईपीएल न केवल खिलाड़ियों को करोड़पति बना रहा है, बल्कि दोनों टीमों के बीच दुश्मनी की भावना को भी कम कर रहा है।”

क्रिकेट की खेल भावना पर सवाल

सिराज को लगातार निशाना बनाए जाने से एक बार फिर खेल भावना पर सवाल खड़े हो गए हैं। गावस्कर की इस टिप्पणी से यह साफ जाहिर होता है कि मैदान पर खिलाड़ियों के बीच सम्मान और खेल भावना बनाए रखने की जरूरत है।