मंडी, 9 अगस्त (हि.स.)। हिमाचलन की सुक्खू सरकार प्रदेश वासियों की हर प्रकार की सुविधा को छीनने का कार्य कर रही है। जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल के विकास केलिए अपना खजाना खोल दिया है। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री एवं भापजा प्रदेश उपाध्यक्ष गोवङ्क्षद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार कर्ज ले रही है और लोगों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा रही है, उल्टा पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा मुहैया करवाई गई सुविधाओं को भी छीन रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अब तक 27 हजार करोड़ रूपए का लोन ले लिया है। गोविंद ठाकुर ने कहा कि हिम केयर योजना जो जयराम सरकार द्वारा शुरू की गई थी। जिसके तहत 32 लाख कार्ड बने हैं और सात लाख 72 हजार लोगों का इस योजना के तहत इलाज हुआ है। जिस पर 988 करोड़ रूपए खच हुए। जिसमें से 364 करोड़ रूपए निजी अस्पतालों का बकाया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 1500 रूपए की गारंटी देने में भी कई शर्तें लगा दी है। वहीं पर सहारा योजना को बंद कर लोगों को बेसहारा कर दिया है।
गोविंद ठाकुर ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुए जान माल के नुकसान को लेकर संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से जितना संभव होगा वह आपदा प्रभावितों की मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश की बागडोर अपने हाथ में ली थी तो भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी और आज पांच में स्थान पर है। भारत शीघ्र ही विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मुद्रा लोन की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने से नए उद्यमियों व युवाओं को लघु उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी। 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा 1000 आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ 7.5 लाख रुपए तक का ऋण से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलेगी। संसाधन आबंटन को सहायता प्रदान करने के लिए राज्यों को दीर्घावधिक ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 1.5 रुपए लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
हिमाचल को लाभ नया रोजगार
गोविंद ठाकुर ने कहा कि सभी औपचारिक क्षेत्रों में पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले को 3 किस्तों में 15,000 रुपए सरकार की ओर से मिलेगा। इससे 2 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ प्राप्त होगा। 5 वर्ष की अवधि में एक करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना सीएसआर निधियों के माध्यम से प्रतिमाह 5,000 रुपए का भत्ता और 6,000 की एक मुश्त सहायता। हिमाचल की 80 प्रतिशत जनता और ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और कृ षि से जुड़ी है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
हजारों करोड़ से चकाचक होगी हिमाचल की सडक़ें
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर मेहरबानी करते हुए यहां आज हज़ारों करोड़ रुपए की सडक़ों का प्रावधान किया है। पठानकोट-मंडी 10067 करोड़ रुपए मटौर-शिमला 10512 करोड़, कीरतपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली फोरलेन 13784 करोड़ रुपए पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ 1692 करोड़ परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला 7632 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना पहले चरण में 2700 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि आने वाली है। आपदा राहत के लिए 1782 करोड़ तुरंत राहत दी गई है। 1100 करोड़ मनरेगा के लिए और 11 हजार मकान केंद्र ने दिए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीथारमण ने 2024-25 के वार्षिक बजट में हिमाचल प्रदेश में गत वर्ष आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए विशेष आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
हिमाचल में टनल के लिए इतने होंगे खर्च
पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि पठानकोट-मंडी में 5 टनल्स 2472 करोड़ रुपए, मटौर-शिमला में 3 टनल्स 1747 करोड़, कीरतपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली में 4 टनल्स 5632 करोड़ रुपए , परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला में 4 टनल्स 1231 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।