सुनाम: शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली की पार्टियों के लिए पंजाब की सीमाएं सील करने के लिए लोगों को निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के लोग पंजाब के किसानों को अपनी जायज मांगें मनवाने के लिए अपने देश की राजधानी में जाने से रोकते हैं तो पंजाबियों को भी दिल्ली से चलने वाली पार्टियों के लिए सीमाएं सील कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक हो गई हैं.
संगरूर लोकसभा क्षेत्र से अकाली दल के उम्मीदवार एडवोकेट इकबाल सिंह झुंडन के पक्ष में सुनाम, दिड़बा और लेहरा विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सरकारों के शासन के दौरान प्रयास किए गए। पंजाब और सिखी को बचाओ और लोगों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए ट्यूबवेल, बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए थर्मल प्लांट का कनेक्शन अकाली सरकारों ने दिया है, जबकि दिल्ली से चलने वाले राजनीतिक दल अपने आकाओं को खुश करने के लिए पंजाब और पंजाबियों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने राज्य की भगवंत मान सरकार पर बोलते हुए कहा कि राज्य की कमान बेईमान लोगों के हाथ में आने के बाद पंजाब गरीबी की राह पर चला गया.
चुनाव से पहले किये गये वादे पूरे नहीं किये गये और पंजाब पर कर्ज बढ़ता जा रहा है. उन्होंने भगवंत मान के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ करीबी रिश्ते का जिक्र करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भगवंत मान अपनी अलग पार्टी बनाएंगे, लेकिन उन्होंने अपने भाषण के दौरान केजरीवाल का जिक्र नहीं किया. उन्होंने कहा कि चार दशक पहले कांग्रेस द्वारा सिखों के केंद्रीय तीर्थस्थल को तोड़ने के अलावा आज तक न्याय नहीं मिला और न ही भाजपा ने कभी सिखों और पंजाब के कल्याण के बारे में सोचा है, लेकिन कथित तौर पर सिख संस्थानों में पंजाब के बाहर घुसपैठ की जा रही है.
इस मौके पर संगरूर लोकसभा क्षेत्र से अकाली दल के उम्मीदवार एडवोकेट इकबाल सिंह झुंडन, पूर्व मंत्री बलदेव सिंह मान, भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल, राजिंदर दीपा, गुलजारी मूनक ने लोगों से अपील की कि वे पंजाब और पंजाबियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें। अकाली दल को मजबूत करेगी मातृ पार्टी इस मौके पर तेजिंदर सिंह संघरेड़ी, तेजा सिंह कमालपुर, गुरलाल सिंह फतेहगढ़, ज्ञानी नरंजन सिंह भुटाल, हरपाल सिंह खडियाल व अन्य नेता मौजूद थे।