एनएसआई में गन्ना किसानों ने एक्सपोजर सह प्रशिक्षण में उत्पादन के सीखे गुर

कानपुर, 15 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) कानपुर में बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण एवं गोपालगंज जिलों से आये लगभग 35 प्रगतिशील गन्ना किसानों के समूह का 11 मार्च से 15 मार्च शुक्रवार तक चलने वाले पांच दिवसीय एक्सपोजर सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। आज सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ।

किसानों को प्रशिक्षण सत्र में जानकारी देते हुये संस्थान के सहायक आचार्य (कृषि रसायन) ने कम लागत में अधिकतम गन्ना उत्पादन हेतु नवीनतम उन्नतिशील तकनीक, गन्ने की फसल में संतुलित उर्वरकों का महत्व एवं प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. लोकेश बाबर, कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी (कृषि रसायन) ने बिहार की नवीनतम गन्ने की प्रजातियों में विभिन्न रोगों एवं कीटों का समुचित प्रबंधन, बासी गन्ने से किसान एवं चीनी मिलों के नुकसान, गन्ने की खेती में प्रयोग में आने वाले नवीनतम कृषि उपकरणों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

सहायक आचार्य (शर्करा प्रौद्योगिकी) अशोक कुमार गर्ग ने गन्ने की नई प्रजातियों से ज्यादा गुड़ प्राप्त करने की नवीनतम तकनीक के बारे में प्रगतिशील गन्ना किसानों को बताया।

पांच दिवसीय एक्सपोजर सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुये संस्थान के निदेशक, प्रो.डी. स्वाईन ने कहा कि कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले सभी किसानों को यहां प्राप्त सारगर्भित जानकारी को अपने गांव, ब्लाक व जिले के अन्य किसानों के साथ साझा करना चाहिये, तभी कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध होगी। जब उन्नत तकनीकों का प्रसार होगा तो उपज में गुणात्मक वृद्धि होगी और मेहनत और लागत में कमी आयेगी। बचा हुआ धन और श्रम दोनों का उपयोग अन्य विकासपरक कार्यों में हो सकेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना कार्यक्रम के अंतर्गत अंतरर्राज्यीय एक्सपोजर सह प्रशिक्षण विजिट समूह के प्रतिनिधि विनय कुमार, ईख विकास, मोतीहारी, बिहार ने निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संसथान, कानपुर को संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु साधुवाद दिया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों को नई-नई तकनीकों और जानकारियों से अवगत करवाने हेतु आभार प्रकट किया।

समापन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जैव रसायन अनुभाग प्रमुख, प्रो.(डॉ.) सीमा परोहा, आचार्य जैव रसायन ने कहा कि जब भी इस प्रकार के शैक्षणिक या प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता महसूस हो या कोई जानकारी वांछित हो, वे (किसान) संस्थान से बिना किसी संकोच के संपर्क कर सकते हैं। आपकी समस्याओं का समाधान कर हमें खुशी होगी। ज्ञान की सरिता का प्रवाह कभी रूकना नहीं चाहिये, ये निरंतर प्रवाहमान रहे।