धर्मशाला, 29 मार्च (हि.स.)। धर्मशाला के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनावों में अपना जनादेश देकर जिसे विधानसभा भेजा था, उसी सुधीर शर्मा ने लोगों के साथ विश्वासघात कर पार्टी बदल ली, लेकिन सुधीर शर्मा यह भूल गए कि जो कार्यकर्ता ताज पहना सकता है, तो वह गद्दी से उतार भी सकता है। यह बात हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं नगर निगम धर्मशाला के पूर्व मेयर देविंदर जग्गी ने कही । वह धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता सुधीर शर्मा कह रहे है कि कांग्रेस में उनको मान-सम्मान नहीं मिल रहा था, तो मैं उनको याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बैजनाथ सीट रिवर्ज होने पर धर्मशाला से टिकट दिया था, क्या वह मान-सम्मान नहीं था। धर्मशाला के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें दो बार जिताया क्या वह मान सम्मान नहीं था, लेकिन असल बात यह है कि निजी हित की खातिर उन्होंने धर्मशाला के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जनादेश का निरादर कर दिया।
देविंदर जग्गी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हो या और कोई भी राज्य हो, सभी विधायकों को तो मंत्री नहीं बनाया जा सकता था, हिमाचल में और भी विधायक हैं, जो मंत्री नहीं बने हैं वह मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।
मौका परस्त हैं सुधीर
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं नगर निगम धर्मशाला के पूर्व मेयर देविंदर जग्गी ने कहा कि सुधीर शर्मा मौका परस्त हैं, उन्हें कार्यकर्ताओं और धर्मशाला के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले भी वह अपनी हार देखकर विधानसभा उपचुनाव और लोकसभा चुनाव लडऩे से मुकर गए थे। परंतु कांग्रेस पार्टी ने उनका मान-सम्मान रखा और विधानसभा चुनावों में फिर अपना प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें जिताने में दिन-रात काम किया, लेकिन सुधीर शर्मा ने मंत्रीपद के लिए हजारों वोटरों की भावनाओं का कत्ल कर दिया।