Successful Organic Farming :सफल जैविक खेती से रोल मॉडल बने युवा किसान पवन पटेल, जानिए सफलता की कहानी

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प्रगतिशील किसान की सफलता की कहानी: प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के लिए गुजरात सरकार और केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। यही कारण है कि गुजरात में कई किसान सफल जैविक खेती करके दूसरे किसानों के लिए रोल मॉडल बन रहे हैं।

आज हम एक ऐसे ही किसान के बारे में बात करने जा रहे हैं. इस किसान ने देशी गायों और आधुनिक तकनीक से सफल जैविक खेती कर नई जमीन तोड़ी है।
खेड़ा जिले के कठलाल तालुक के भनेर गांव के युवा किसान पवन पटेल अपनी 25 वेधा भूमि पर सब्जियों और फलों की खेती कर रहे हैं। बीएससी जैसी अच्छी पढ़ाई करने के बाद भी पवन पटेल खेती में आये और नए प्रयोग शुरू किये।

पवन पटेल ने प्राकृतिक खेती के माध्यम से अपनी भूमि से 3 प्रकार की भूमि में गिलोड़ी एवं खीरा लगाकर 4 लाख रूपये की आय अर्जित की है।

पवन पटेल, जो 2017 से जैविक खेती कर रहे हैं, ने खेती में परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण किया है। पवन पटेल ने चार देशी गायों की मदद से जीवामृत बनाने का अनोखा तरीका अपनाया है. उन्होंने 25 हजार की लागत से 200 लीटर क्षमता का जीवामृत प्लांट विकसित किया है, जिसमें गोबर-मूत्र, उबले चावल, बायोपेस्ट, देसी गुड़ और छाछ को इनपुट के तौर पर लेकर जीवामृत तैयार किया जाता है।

इस शव को वेंचुरी सेटअप और पाइपलाइन प्रणाली के माध्यम से आसानी से और जल्दी से खेत तक पहुंचाया जाता है। इसके अलावा, गोमूत्र को एक भूमिगत टैंक में एकत्र किया जाता है और एक कनेक्शन के माध्यम से सीधे संयंत्र में डाला जाता है, जिससे जनशक्ति का श्रम आसान हो जाता है।

पवन पटेल ने केसर आम, गिलोड़ी, सब्जियां और गन्ना जैसी फसलें लगाई हैं। उन्होंने पांच बीघे में केसरिया आम, तीन बीघे में शकरकंद, डेढ़ बीघे में खीरा, आधा बीघे में गन्ना, दो खेतों में गिलोड़ी लगाई है।

पिछले सीजन में उन्हें गिलोड़ी की फसल में लगभग साढ़े तीन लाख और खीरे में पचास हजार का मुआवजा मिला था। फिलहाल उन्होंने तीन बीघे में अंतर्वर्ती फसल के रूप में टमाटर, बैंगन, मिर्च, ग्वार, चंदन, मेथी और मूली लगाई है।

पवन पटेल को प्रोत्साहित करने के लिए खेड़ा जिला बागवानी विभाग द्वारा फसल रोपण सब्सिडी दी गई है। जिसमें गिलोड़ी मंडप के लिए 40 हजार और आम की खेती के लिए 80 हजार की सब्सिडी देकर किसान को आत्मनिर्भर बनने में मदद की गई है।

कृषि, बागवानी और पशुपालन के बुनियादी मानदंडों को पूरा करने वाले पवन पटेल के फार्म को प्राकृतिक मॉडल फार्म के रूप में सरकारी मान्यता भी मिल चुकी है।

पवन पटेल खुद को केवल उत्पादन तक ही सीमित नहीं रखते, बल्कि अपनी उपज का मूल्य जोड़ते हैं और इसे सीधे अहमदाबाद में सृष्टि इनोवेशन इंस्टीट्यूट के माध्यम से बेचते हैं।

जैविक खेती के महत्व के बारे में बात करते हुए वे कहते हैं, “रासायनिक उर्वरक मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं। जैविक खेती मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती है, अच्छा रिटर्न देती है और पर्यावरण की रक्षा करती है।”

आज जहां एक ओर ऐसे युवाओं की भरमार है जो अपनी जवानी सिर्फ शौक और व्यसनों में बिता देते हैं, ऐसे में प्राकृतिक खेती जैसे गंभीर विषय पर काम करने वाले ऐसे साहसी युवा वास्तव में समाज के लिए मार्गदर्शक बनते हैं।