आरएस पुरा, 5 मार्च (हि.स.)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जम्मू फ्रंटियर के अंतर्गत 7वीं बटालियन की ओर से मंगलवार को सीमांत गांव बेरा स्थित सरकारी मीडिल स्कूल परिसार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 7वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट एस.के उपाध्याय की अगुवाई में आयोजित इस सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत सीमांत विभिन्न गांव के युवाओं में खेल का सामान वितरित करने के साथ युवाओं को सीमा सुरक्षा बल भर्ती की परीक्षा की तैयारी करने हेतु किताबें व पढ़ाई का समान वितरित किया गया।
इसके साथ ही बटालियन द्वारा सीमांत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के तहत दी गई इलेक्ट्रिकल ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को इलेक्ट्रिक टूल कीट भी प्रदान की गई। कार्यक्रम में कमान अधिकारी बिक्रम सिंह मन्हास मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इसके अलावा स्थानीय पूर्व सरपंच सुखदेव सिंह भी विशेष रूप से मौजूद रहे। कमान अधिकारी बिक्रम सिंह मन्हास ने कहा कि लगातार सीमा सुरक्षा बल का प्रयास रहा है कि सीमा पर देश की सीमाओं की रक्षा करने के साथ सीमांत लोगों का भी सहयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत लगातार सीमांत ग्रामीणों को मदद प्रदान करने के लिए काम कर रही है। कभी मेडिकल कैंप का आयोजन तो कभी लोगों को उनकी जरूरत का सामान वितरित किया जाता है।
इसका मकसद एक ही है कि सीमांत लोगों का पूरा सहयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल भी इन सीमांत लोगों का पूरी तरह से आभारी है क्योंकि यह लोग सुरक्षा बल की आंख और कान का काम करते है। सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल हर समय सीमांत युवाओं के लिए तैयार है। जब भी किसी तरह की कोई सहयोग की जरूरत है वो सुरक्षा बल से संर्पक कर सकते हैं। पूर्व सरंपच सुखदेव सिंह ने कहा कि सीमांत लोगों का सबसे ज्यादा अगर कोई मददगार है तो सुरक्षा बल है। उन्होंने कहा कि चाहे सीमांत लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात हो या फिर जहां के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग की जरूरत हो सुरक्षा बल हमेशा उनका साथ देती है।
पूर्व सरपंच सिंह ने कहा कि पाक गोलीबारी के दौरान सरकार व प्रशासन बाद में मदद को पहुंचता है पर सीमा सुरक्षा बल सीमा पर डटे रहने के साथ उनको सुरक्षाित करने में भी सबसे पहले पहुंचती है। उन्होंने कहा कि सीमांत लोग इसके लिए सुरक्षा बल के आभारी है। मौके पर विभिन्न सीमांत गांव के गणमान्य लोग, पूर्व सरंपच, पंच व अधिकारी मौजूद रहे।