केविवि में फर्जी नियुक्ति का मामला उठाने पर छात्र नेता निलंबित

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पूर्वी चंपारण,27 जुलाई (हि.स.)।महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर छात्र नेता आकाश सिंह राठौर को विश्वविद्यालय से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है।

निलंबन को लेकर शनिवार को छात्र नेताओं ने प्रेस वार्ता कर विवि के उक्त कारवाई को पक्षपातपूर्ण, एकतरफा और द्वेषपूर्ण बताया है। छात्र नेता आकाश सिंह राठौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों को लेकर 2018 से ही सांसद पप्पू यादव जी और पूर्व सांसद अरुण कुमार समेत कई लोगो ने आवाज उठायी परिणामस्वरूप शिक्षा मंत्रालय ने तत्कालीन कुलपति प्रो अरविंद अग्रवाल को हटा दिया गया। जबकि प्रोअग्रवाल के कार्यकाल के दौरान हुई फर्जी नियुक्तियां समेत कई वितीय मामले की जांच नहीं हो पायी। उस दौरान बड़े पैमाने पर भष्ट्राचार कर कई एसोशिएट प्रोफ़ेसरों की नियुक्ति हुई जिसमें यूजीसी नियमों के साथ खिलवाड़ किया गया।

राठौर ने कहा कि वर्ष 2019 में हुए कैश प्रमोशन में भी कई लोगो को गलत तरीके से प्रमोशन दिया गया। छात्र नेता ने कहा कि विवि के सेक्शन ऑफिसर पद पर 2017 में नियुक्त दिनेश हुड़्डा का 2024 में गलत तरीके प्रमोशन दिया गया। इन विषयों को मैने सोशल मीडिया के माध्यम से उठाया और इसके पक्ष में दिनेश हुड्डा के प्रमाण पत्र समेत अन्य कई जानकारियां साझा की। उन्होंने कहा कि हुड्डा प्रकरण पर सतर्कता आयोग की जांच चल रही है। इसके साथ विवि में फर्जीवाड़ा के कई ऐसे मामले है,जिसकी आवाज मैने उठायी तो मेरी आवाज बंद करने के लिए एक प्रोक्टोरियल मैनुअल साजिश के तहत बनाया गया जो भारतीय संविधान ,नागरिकों के मूल अधिकार समेत विभिन्न कानूनो के विरुद्ध है और उसी तानाशाही मैनुअल के आधार पे मुझे विश्वविद्यालय से साजिश कर निलंबित कर दिया गया।

नेता पुन्नू सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में नियुक्ति में हुई फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर छात्र नेता आकाश सिंह राठौर को विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया ह। जिसके विरूद्ध चंपारण के सभी छात्र एकजुट है। विश्वविद्यालय प्रशासन के यह कारवाई निंदनीय है। विश्वविद्यालय प्रशासन अपने चहेतों फर्जी लोगो को बचाने के लिए एक छात्र के कैरियर को बर्बाद करने की साजिश रच रही है। उन्होंने निलंबन को तोड़ने और विश्वविद्यालय में फर्जी नियुक्ति की जांच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड न्यायाधीश से कराने की मांग की। अन्यथा चंपारण के सम्पूर्ण छात्र सड़क पर उतरकर बड़ा और चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। प्रेस वार्त्ता में भीम कुमार,प्रिंस राणा,नंदलाल कुमार, आकाश यादव, चंदन यादव, विक्रांत सिंह, प्रिंस सिंह आदि उपस्थित थे।