पटियाला : राज्य में पराली जलाने के मामले बढ़ने लगे हैं। सोमवार को 1251 और मंगलवार को 270 स्थानों पर पराली जलाई गई। राज्य में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 9925 तक पहुंच गई है. सोमवार को पराली जलाने का यह आंकड़ा इस सीजन में सबसे ज्यादा है. प्रदेश में पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक भी प्रभावित हो रहा है।
मंगलवार को अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और पटियाला में AQI 200 से ऊपर (खराब श्रेणी) दर्ज किया गया। पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी का एक कारण धान की फसल के बाद गेहूं की बुआई भी है। अब गेहूं की बुआई शुरू हो रही है, ऐसे में किसान पराली को बचाने की बजाय उसे जलाने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
इसी तरह 15 नवंबर को प्रदेश में 238, 16 नवंबर को 136, 17 नवंबर को 404, 18 नवंबर को 1251 और 19 नवंबर को 270 स्थानों पर पराली जलाई गई। अब तक राज्य में पराली जलाने के 4202 मामलों में एक करोड़ 48 लाख 57 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इनमें से एक करोड़ चार लाख 82 हजार 500 रुपये की वसूली की गयी है जबकि 4185 रेड इंट्री और 4741 प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
राज्य में पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक भी प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और पटियाला में AQI 200 (खराब श्रेणी) से ऊपर दर्ज किया गया, जबकि बठिंडा, मंडी गोबिंदगढ़ और रोपड़ में AQI मध्यम श्रेणी में रहा।