सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया। इसी माहौल में सरकारी कंपनी कोचीन शिपयार्ड के शेयरों ने जबरदस्त छलांग लगाई। वजह? अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा दिया गया एक बड़ा ऑर्डर, जिसने निवेशकों का ध्यान खींच लिया।
क्या है यह ऑर्डर?
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने कोचीन शिपयार्ड को 450 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है।
- ऑर्डर विवरण:
- कंपनी को कुल 8 टगबोट्स (रस्सा जहाज) बनाने का ऑर्डर दिया गया है।
- ये टगबोट्स बड़े जहाजों को बंदरगाहों पर खींचने और ले जाने में उपयोग किए जाते हैं।
- इन टगबोट्स की डिलीवरी दिसंबर 2025 से शुरू होकर मई 2028 तक पूरी हो जाएगी।
अडानी पोर्ट्स का बयान
अडानी पोर्ट्स ने कहा, “यह ऑर्डर ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप है।”
- यह सहयोग भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- एपीएसईजेड के सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत में निर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।”
- अडानी समूह, जो निजी क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह परिचालक है, इस ऑर्डर के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपना विश्वास दिखा रहा है।
शेयर बाजार पर प्रभाव
कोचीन शिपयार्ड के शेयर:
- 27 दिसंबर को कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में 5% का अपर सर्किट लग गया।
- दिन का कारोबार 1,532.10 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
- शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1,607.95 रुपये है, जो जून 2024 में देखा गया था।
अडानी पोर्ट्स के शेयर:
- अडानी पोर्ट्स के शेयर में सुस्ती रही।
- शुक्रवार को शेयर 1,232 रुपये पर निगेटिव जोन में बंद हुआ, हालांकि ट्रेडिंग के दौरान यह 1,253.60 रुपये तक गया।
क्या है यह साझेदारी का महत्व?
यह ऑर्डर सिर्फ एक व्यावसायिक समझौता नहीं है, बल्कि मेक इन इंडिया और भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने का प्रतीक है।
- कोचीन शिपयार्ड:
यह सरकारी विनिर्माण कंपनी भारत की समुद्री क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रही है। - अडानी पोर्ट्स:
निजी क्षेत्र में सबसे बड़ा बंदरगाह संचालक होने के नाते, यह कदम उद्योग में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करेगा।
निवेशकों के लिए संदेश
- कोचीन शिपयार्ड:
निवेशकों के लिए कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में बढ़ती संभावनाएं निवेश के अच्छे अवसर का संकेत देती हैं। - अडानी पोर्ट्स:
हालांकि शुक्रवार को इसके शेयरों में गिरावट देखी गई, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह ऑर्डर समूह की बुनियादी ढांचे पर केंद्रित रणनीति को मजबूत करता है।