बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन ने सार्वजनिक स्थलों पर अश्लील और द्विअर्थी गानों के प्रसारण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इस नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। महिला सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए लिए गए इस फैसले की चौतरफा सराहना हो रही है।
नीतू चंद्रा का जागरूकता अभियान
बिहार पुलिस ने इस नियम के प्रचार-प्रसार के लिए फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा की मदद ली है। उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर महिलाओं से अपील की है कि यदि वे सार्वजनिक स्थानों, बस, ऑटो या अन्य वाहनों में अश्लील भोजपुरी, मैथिली, मगही या हिंदी गाने बजते हुए देखें, तो इसकी शिकायत निकटतम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं। साथ ही, पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
महिलाओं के लिए बड़ी राहत
बिहार की पत्रकार काजल शर्मा का कहना है कि भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय संगीत में पहले साफ-सुथरी फिल्में और गाने होते थे, लेकिन हाल के वर्षों में इनमें बढ़ती अश्लीलता एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गई है। वहीं, बैंककर्मी संदीपा ओझा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने के दौरान महिलाएं अक्सर इस समस्या से जूझती हैं। ऐसे गानों के चलते छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार की घटनाएं बढ़ती हैं।
क्या होगा नियम तोड़ने पर?
बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी आईजी-डीआईजी को निर्देश दिया है कि यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थलों पर अश्लील गाने बजाते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296/79 और अन्य प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। इस अपराध में एक साल तक की जेल भी हो सकती है।
समाज को भी निभानी होगी भूमिका
पुलिस अधिकारी और समाजसेवी मानते हैं कि केवल कानूनी प्रतिबंध से समस्या हल नहीं होगी, बल्कि समाज की भागीदारी भी जरूरी है। लोकगीत गायिका साम्भवी कहती हैं कि भोजपुरी में बेहतरीन गीत-गजल हैं, लेकिन आजकल लोग फूहड़ गानों को ही भोजपुरी संगीत मानने लगे हैं। हमें ऐसे आयोजनों का बहिष्कार करना होगा और स्वच्छ संगीत को बढ़ावा देना होगा।
डीजीपी ने दिया सख्त संदेश
बिहार पुलिस प्रमुख डीजीपी विनय कुमार ने इस फैसले को महिला सुरक्षा और सामाजिक सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि शादी और अन्य समारोहों में अश्लील नाच-गाने का चलन बढ़ा है, जिससे समाज में महिलाओं के प्रति गलत मानसिकता को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे इस अश्लीलता का विरोध करें।
नारी सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम
छात्रा कौशिकी कहती हैं कि अगर स्कूल-कॉलेज के पास अश्लील गाने नहीं बजने दिए जाते, तो छेड़छाड़ की घटनाएं भी रुक सकती हैं। गृहिणी अल्पना शरण का मानना है कि इस फैसले से निश्चित रूप से महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी, हालांकि इसके असर को देखने में समय लगेगा।
समाज को बदलना होगा नजरिया
फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा का कहना है कि बिहार में बहुत कुछ अच्छा है जिसे सुना और दिखाया जा सकता है। हमें अश्लील गानों को पूरी तरह से बहिष्कार करना होगा और समाज को भी इस बदलाव में सहयोग देना होगा।
बिहार सरकार का यह फैसला महिला सुरक्षा और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि समाज और पुलिस-प्रशासन इस नियम को कितना प्रभावी बना पाते हैं।