पेट फूलता है या चावल खाने से बढ़ रहा वजन? गलती आपकी नहीं, चावल की उम्र की है जानिए कैसे

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News India Live, Digital Desk: हम भारतीयों का चावल से एक अलग ही इमोशनल कनेक्शन है। राजमा-चावल हो या कढ़ी-चावल, नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन, क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके घर के बड़े-बुजुर्ग अक्सर बाज़ार से पुराने चावल (Old Rice) लाने की हिदायत क्यों देते थे? क्यों कहा जाता है कि चावल जितना पुराना हो, उतना ही 'सोना' होता है?

अक्सर हम डिस्काउंट या चमक देखकर 'नया चावल' खरीद लेते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि क्यों पुराना चावल आपकी सेहत और स्वाद, दोनों के लिए बेस्ट है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि इसके पीछे बहुत बड़ा हेल्थ का गणित है।

1. खिला-खिला स्वाद (Taste and Texture)

सबसे पहला और सीधा फर्क तो आपकी थाली में दिखता है। जब आप नया चावल बनाते हैं, तो अक्सर वह चिपक जाता है या उसका 'हलवा' बन जाता है। वहीं, पुराने चावल की खासियत यह है कि पकने के बाद उसका एक-एक दाना अलग और खिला-खिला रहता है।
पुराना चावल पकने में ज्यादा पानी सोखता है, जिससे यह खाने में हल्का और फूला हुआ लगता है। अगर बिरयानी या पुलाव बनाने का सोच रहे हैं, तो पुराने चावल के बिना वो स्वाद आ ही नहीं सकता!

2. पेट रहेगा खुश (Better Digestion)

क्या आपको चावल खाने के बाद पेट भारी लगता है या गैस की दिक्कत होती है? अगर हां, तो हो सकता है आप नया चावल खा रहे हों।
Ayurveda में भी पुराने चावल को हल्का और पचने में आसान (Laghu) बताया गया है। पुराने चावल में नमी (Moisture) कम हो जाती है, जिससे यह पेट पर भारी नहीं पड़ता और डाइजेशन सिस्टम इसे आसानी से पचा लेता है।

3. डायबिटीज और वजन वालों के लिए बेहतर

ये पॉइंट बहुत जरूरी है। नए चावल में स्टार्च (Starch) और शुगर की मात्रा थोड़ी ज्यादा और अनबैलेंस्ड हो सकती है, जो आपका ब्लड शुगर तेजी से बढ़ा सकती है।
लेकिन, जैसे-जैसे चावल पुराना होता है, उसका Glycemic Index (शुगर बढ़ाने की गति) बैलेंस होने लगता है। पुराना चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल उतनी तेजी से नहीं बढ़ता। इसलिए, जो लोग Weight Loss करना चाहते हैं या डायबिटिक हैं, उनके लिए डॉक्टर अक्सर पुराना चावल ही सजेस्ट करते हैं क्योंकि यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं।

4. पोषक तत्वों का खजाना

समय के साथ चावल में कुछ बदलाव आते हैं जो उसे सेहतमंद बनाते हैं। हालांकि, न्यूट्रिशन लगभग समान रहता है, लेकिन पुराने चावल की तासीर ऐसी हो जाती है कि शरीर उसके पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से सोख पाता है।

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