बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आने का खुला न्योता दिया है। इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। हालांकि, नीतीश कुमार ने लालू यादव के इस ऑफर को सिरे से खारिज करते हुए इसे “बातों में उलझाने वाला” करार दिया है।
लालू यादव का बयान: दरवाजे खुले हैं
लालू यादव ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा:
“नीतीश कुमार भले ही भाग जाते हैं, लेकिन हमने उन्हें माफ कर दिया है। वह चाहें तो वापस आ सकते हैं।”
लालू के इस बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश के साथ आने के लिए तैयार है।
नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया: “छोड़िए न”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के बयान को सिरे से खारिज कर दिया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के बाद, जब मीडिया ने उनसे लालू के बयान पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा:
“क्या बोल रहे हैं… छोड़िए न।”
नीतीश के इस जवाब ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह महागठबंधन में लौटने के लालू यादव के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
तेजस्वी यादव का बयान: “सिर्फ शांत करने के लिए कहा गया”
आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“पिता जी (लालू यादव) ने यह बयान सिर्फ आप लोगों को शांत करने के लिए दिया है। इससे ज्यादा इसका कोई मतलब नहीं है।”
तेजस्वी ने नए साल के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि:
“नीतीश कुमार अब थक चुके हैं। इस साल उनकी सरकार की विदाई तय है और बिहार को नई सरकार मिलेगी।”
एनडीए का पलटवार: लालू यादव के सपनों पर तंज
लालू यादव के बयान पर एनडीए नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी।
- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा:
“नीतीश कुमार, लालू यादव की नस-नस जानते हैं। उनके इस ऑफर का सीएम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।” - श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार ने कहा:
“लालू यादव मुंगेरीलाल के सपने देख रहे हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत निश्चित है।”
महागठबंधन और एनडीए की तैयारियां
2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही, बिहार की राजनीति में बयानबाजी और रणनीतियां तेज हो रही हैं।
- महागठबंधन: आरजेडी और कांग्रेस के नेता सरकार पर लगातार हमलावर हैं और नीतीश कुमार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
- एनडीए: भाजपा, जदयू, और अन्य सहयोगी दल अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। एनडीए के नेता दावा कर रहे हैं कि जनता का समर्थन उनके साथ है।