अहमदाबाद, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस वर्ष आयोजित होने वाले 21वें शाला प्रवेशोत्सव पर विशेष ध्यान देने का संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बच्चे के भविष्य के लिए अच्छे से अच्छा क्या हो सकता है, इस पर विचार करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री पटेल आगामी 26 से 28 जून के दौरान आयोजित होने वाले शाला प्रवेशोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को गांधीनगर में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रवेशोत्सव के दौरान अब हमें स्कूलों में विशेष क्या करना चाहिए; इस पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ ग्रामीण स्तर से शहरी क्षेत्र तक एक समान, स्मार्ट व गुणवत्तायुक्त शिक्षा हो; इस पर भी फोकस करना है।
बैठक में शिक्षा मंत्री कुबेरभाई डिंडोर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने गत वर्ष बालवाटिकाएँ शुरू की हैं। इस प्रवेशोत्सव के दौरान बालवाटिकाओं में समग्र राज्य के 11.70 लाख से अधिक बच्चे प्रवेश लेंगे। इसके अतिरिक्त; 3.60 लाख से अधिक बच्चे इस वर्ष सीधे पहली कक्षा में प्रवेश लेंगे। डिंडोर ने कहा कि इस बार शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करके बच्चे के जन्म तथा टीकाकरण का विवरण प्राप्त किया और टेक्नोलॉजी का उपयोग कर प्रत्येक प्रवेश योग्य बच्चे की पहचान की है। प्रवेशोत्सव से पहले ही प्रवेश प्राप्त करने योग्य बच्चों के नाम की सूची सम्बद्ध स्कूलों में उपलब्ध कराई गई है। इस सूची के अनुसार सभी बच्चों को इस बार प्रवेश दिया जाएगा। चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से प्रवेश के बाद भी ‘विद्या समीक्षा केन्द्र’ द्वारा लगातार निगरानी करते हुए इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ये बच्चे शिक्षा पूर्ण करें।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्राथमिक विद्यालयों की भौतिक सुविधाओं की कायापलट हुई है। विश्व बैंक की सहायता से मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत लगभग 15,000 प्राथमिक, लगभग 5,000 माध्यमिक विद्यालयों में 50,000 स्कूली कमरों, लगभग एक लाख स्मार्ट क्लासरूम तथा लगभग 2,500 कम्प्यूटर लैब-स्टेम लैब जैसी सुविधाएँ शीघ्र ही कार्यान्वित होंगी।
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा सचिव डॉ. विनोद राव ने कहा कि राज्य स्तर पर कार्यरत विद्या समीक्षा केन्द्र की तर्ज पर विद्यार्थियों के डेटा एनालिसिस एवं ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए शाला प्रवेशोत्सव के दौरान ही जिला स्तर पर 33 एवं तहसील स्तर पर 254 विद्या समीक्षा केन्द्र-डैशबोर्ड कार्यरत किए जाएंगे। इस समग्र बैठक-कार्यक्रम का बाइसैग (बीआईएसएजी) के माध्यम से समग्र राज्य में सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारी-शिक्षकगण शामिल हुए। इस अवसर पर गुजरात में शिक्षा विभाग की उपलब्धियाँ प्रस्तुत करने वाली एक लघु फिल्म भी दर्शाई गई। अंत में प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. एम. आई जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया। बैठक में मुख्य सचिव राज कुमार और वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारी तथा क्लास-1 अधिकारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दो दशकों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कन्या शिक्षा संकल्पना को साकार करने के लिए शाला प्रवेशोत्सव व कन्या केळवणी (शिक्षा) महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव की 21वीं कड़ी आगामी 26 से 28 जून के दौरान ‘उत्सव उल्लासमय शिक्षा का’ (उजवणी उल्लासमय शिक्षणनी) थीम पर आयोजित होने जा रही है।