बहराइच में मूर्ति विध्वंस के दौरान आरोपियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई. मिली जानकारी के मुताबिक दो आरोपियों के पैर में गोली लगी है, जबकि पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर की खबर सामने आते ही सरफराज नाम के आरोपी की बहन का बयान सामने आया है.
आरोपी की बहन ने दिया बयान
सरफराज की बहन ने बताया है कि उसके मामा का घर महाराजगंज में है. दंगों के बाद 14 तारीख को एसटीएफ की टीम मेरे घर आई और मेरे घर की तलाशी ली. वहां कोई नहीं मिलने पर वे उसके पति और देवर को ले गए। उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला है. 16 तारीख को मुझे पता चला कि मेरे पिता और भाई को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. सरफराज की बहन रुखसाना ने कहा कि गोपाल मिश्रा की मौत के मामले में मेरे दो भाइयों और पिता का नाम आया. उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनके बारे में कोई खबर नहीं है और ना ही कप्तान कुछ बोल रहे हैं. मुझे डर है कि उसके खिलाफ फर्जी मुठभेड़ रची जा सकती है.’
सरफराज की बहन ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
सरफराज की बहन ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपने भाई और उसके परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है. गौरतलब है कि दुर्गा प्रतिमा तोड़े जाने के बाद बहराइच में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी. जानकारी के मुताबिक, सरफराज और ताबिल बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल थे. दोनों ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर रामगोपाल पर गोली चला दी। पुलिस लगातार दोनों आरोपियों की लोकेशन पर नजर रख रही थी. इस बीच, पुलिस ने बहराइच के नानपारा तालुके में मुठभेड़ में दोनों आरोपियों को घायल कर दिया.
कैसे भड़की हिंसा?
महत्वपूर्ण बात यह है कि बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव के रहने वाले राम गोपाल मिश्रा को गोली मार दी गई थी. शाम छह बजे दुर्गा प्रतिमा की शोभा यात्रा निकाली गयी. इसमें कई लोग शामिल थे. जब जुलूस एक समुदाय विशेष के इलाके से गुजरा तो दोनों समुदायों के बीच विवाद हो गया. आरोप है कि इसी बीच छत से पथराव शुरू हो गया। विघटन के दौरान भगदड़ मच गई। इसी दौरान घर की छत पर मौजूद रामगोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई।