रांची, 8 मार्च (हि.स.)। राजधानी रांची सहित कई बड़े शहरों में फैल रहे ड्रग्स के कारोबार के खिलाफ राज्य की पुलिस ने एक खास योजना बनाई है। इसके तहत मादक पदार्थों के तस्करों के मनी ट्रेल की जांच कर किंगपिन तक पहुंचने की तैयारी की गई है। इस संबंध में सीआईडी डीजी ने कई गाइडलाइंस जिलों के एसपी को दिए हैं।
सीआईडी और जिला पुलिस की जांच में अब तक यह बात साफ हो चुकी है कि नशे के तस्करी के लिए नकदी से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग किया जाता है। जांच में यह बात सामने आई है कि नशे के तस्कर 90 प्रतिशत मौके पर पैसे की लेनदेन ऑनलाइन तरीके से ही करते हैं। ऐसे में यदि गहराई से मादक पदार्थों के तस्करों की मनी ट्रेल की जांच की जाए तो इस धंधे में शामिल राज्य के भीतर और बाहर दोनों के ऊपर शिकंजा कसा जा सकता है।
रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि मादक पदार्थों पर चल रही कार्रवाई को लेकर सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने समीक्षा बैठक की थी। बैठक में नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कई रणनीति तैयार की गई है, जिसमें सबसे प्रमुख है कि नशे के तस्करों के बैंक खातों की पूरी जानकारी जुटाकर उसके मनी ट्रेल के बारे में पता लगाया जाए। मनी ट्रेल के जरिए यह पता चल जाएगा कि रांची में जो नशे के तस्कर ब्राउन शुगर, अफीम, गांजा और हेरोइन जैसे मादक पदार्थ बेचकर पैसा अपने खातों में लेते हैं वह पैसा आखिर किन-किन खातों में ट्रांसफर होता है।
मनी ट्रेल का पता करने के लिए राज्यभर में गिरफ्तार नशे के तस्करों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है।पुलिस अधिकारियों के अनुसार नशे के तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में अक्सर छोटे अपराधी पकड़े जाते हैं लेकिन इन सब के पीछे कौन सा बड़ा गैंग काम कर रहा है उसकी जानकारी जुटाने में मनी ट्रेल काफी सहायक साबित हो सकता है।
सीआईडी डीजी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वैसे तस्कर जिनका नाम बार-बार नशे की तस्करी में सामने आ रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ निगरानी की कार्रवाई के लिए डोजियर खोला जाए। साथ ही वैसे तस्कर जिनकी जमानत हो चुकी है, ऐसे लोगों के बेलरो का सत्यापन किया जाए। बरामद मादक पदार्थ का सीजर ठीक तरह तैयार किया जाए।