चंडीगढ़: प्रदेश के नेता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसा करके कांग्रेस एक तीर से दो शिकार करना चाहती है क्योंकि सिद्धू इस समय राज्य के नेताओं से परेशान चल रहे हैं. ऐसे में सिद्धू एक सीट तक ही सीमित रह जाएंगे और राज्य की राजनीति से दूर हो जाएंगे. खास बात यह है कि पटियाला सीट पर उनका मुकाबला राजपरिवार के कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर से होगा, जो जल्द ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने वाली हैं.
सिद्धू लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। सिद्धू की अपनी अलग लाइन है जिसके चलते प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने पार्टी आलाकमान से उन्हें पार्टी से बाहर निकालने की मांग तक कर दी है. 11 फरवरी को जब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समराला में राज्य सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे तो पार्टी ने सिद्धू को आमंत्रित नहीं किया था. इसके बाद सिद्धू के समर्थकों ने यहां तक कह दिया कि खड़गे की रैली में भीड़ सिद्धू की रैली से ज्यादा है. हालांकि प्रदेश कांग्रेस सिद्धू को पचा नहीं पा रही है, लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अब भी आलाकमान के चहेते हैं. यही वजह है कि पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी. ऐसे में पार्टी को डर है कि कहीं 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह सिद्धू पार्टी को नुकसान न पहुंचा दें, इसलिए कांग्रेस उन्हें पटियाला सीट से चुनाव लड़ाना चाहती है, ताकि वह अपने प्रचार में भी फंसे रहें और बाकी 12 लोकसभा में भी सभा सीटें. कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सकतीं.
गौरतलब है कि अगर परनीत कौर पटियाला सीट से चुनाव लड़ती हैं तो वह एक मजबूत उम्मीदवार होंगी. 2014 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर उन्होंने इस लोकसभा सीट से चार बार जीत हासिल की है. वैसे भी इस सीट पर कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है. ऐसे में अगर पार्टी सिद्धू को चुनाव मैदान में उतारती है तो वह एक ही सीट पर अटक जाएंगे. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिद्धू को स्टार प्रचारक बनाया था. 2022 के विधानसभा चुनाव में अमृतसर ईस्ट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद सिद्धू ने पटियाला में ही डेरा डाल दिया है. सिद्धू भाजपा के टिकट पर अमृतसर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। सिद्धू का पैतृक घर पटियाला में है.