सुबह की शुरुआत करें इन 5 प्रभावशाली मंत्रों से, दिन भर बना रहेगा पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो

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News India Live, Digital Desk : अक्सर हम लोगों की सुबह अलार्म बंद करने और ऑफिस या कॉलेज के लिए भागदौड़ करने में ही बीत जाती है। दिमाग उठते ही टेंशन में आ जाता है "आज क्या-क्या काम करना है, ट्रैफिक मिलेगा, बॉस डांटेगा..." और इसी हड़बड़ी में हमारा पूरा दिन तनावपूर्ण बीतता है।

लेकिन, हमारे बड़े-बुज़ुर्ग और ऋषि-मुनि हमेशा कहते थे कि दिन की शुरुआत का 'पहला विचार' बहुत मायने रखता है। अगर आपकी सुबह शांत और सकारात्मक होगी, तो आपका पूरा दिन खुद-ब-खुद संवर जाएगा।

आज हम आपको 5 ऐसे छोटे और आसान मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें बोलने में आपको शायद 2 मिनट भी नहीं लगेंगे, लेकिन इनका असर आपके मन और दिमाग पर जादुई होगा। इन्हें आप "पॉजिटिविटी का टॉनिक" कह सकते हैं।

1. हथेलियों को देखकर (कराग्रे वसते लक्ष्मी)

सुबह जैसे ही आपकी आँख खुले, सबसे पहले अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर देखें। ऐसा माना जाता है कि हमारी हथेलियों में ही देवों का वास है और हमारी किस्मत हमारे हाथों में ही होती है।

मंत्र:
“कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः, प्रभाते करदर्शनम्।।”

मतलब:
हथेली के अगले भाग में धन की देवी लक्ष्मी, बीच में विद्या की देवी सरस्वती और मूल (कलाई) में भगवान गोविंद (कृष्ण) बसते हैं। जब आप सुबह-सुबह इसे बोलते हैं, तो आप खुद को याद दिलाते हैं कि आपकी मेहनत, ज्ञान और ईश्वर का साथ आपको सफल बनाएगा।

2. धरती माँ को प्रणाम (समुद्रवसने देवि)

बिस्तर से जमीन पर पैर रखने से पहले, एक पल रुकें और धरती माँ को क्षमा मांगें और नमन करें।

मंत्र:
“समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे॥”

मतलब:
यह हमें 'विनम्रता' (Humbleness) सिखाता है। हम धरती माँ से कहते हैं कि हम आप पर पैर रख रहे हैं, हमें माफ़ करें। यह भाव हमारे अंदर के अहंकार को खत्म करता है।

3. दिमागी शांति के लिए (गायत्री मंत्र)

नहाते समय या सूर्य देव को जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप सबसे बेस्ट है।

मंत्र:
“ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥”

मतलब:
हम उस प्राणस्वरूप, दुखनाशक और सुखस्वरूप परमात्मा का ध्यान करते हैं। वो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग (सही रास्ते) पर ले चलें। यह मंत्र दिमाग को तेज करता है और कन्फ्यूजन दूर करता है।

4. काम में रुकावट हटाने के लिए (गणेश मंत्र)

घर से बाहर निकलने से पहले या काम शुरू करने से पहले विघ्नहर्ता को याद करना न भूलें।

मंत्र:
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥”

मतलब:
हे गणेश जी, आप मेरे सारे कार्यों को बिना किसी बाधा के पूरा करें। यह मंत्र कॉन्फिडेंस बढ़ाता है कि आपके साथ कोई है जो मुसीबतों को संभाल लेगा।

5. सबके भले की प्रार्थना (शांति मंत्र)

आखिर में, यह मंत्र न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके आसपास के माहौल को पॉजिटिव बनाने के लिए है।

मंत्र:
“ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभागभवेत्।।”

मतलब:
सब सुखी हों, सब निरोगी हों, सब का कल्याण हो और किसी को दुख न हो। जब आप सबके लिए अच्छा सोचते हैं, तो कुदरत आपके लिए अच्छा करती है।

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