भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। देश की दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों के अलावा एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजन कुइपर भी इस दौड़ में शामिल हैं। ये कम्पनियां विनियामक अनुमोदन प्राप्त होते ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू कर देंगी। मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए उपग्रह सेवाओं के आगमन के साथ जल्द ही एक नया युग शुरू होने वाला है। अब बिना किसी मोबाइल टावर के ही सैटेलाइट के जरिए सीधे फोन तक 5G सिग्नल पहुंच जाएगा। इसके लिए इन दिनों कई कंपनियां तकनीक का परीक्षण कर रही हैं।
सफल परीक्षण
अग्रणी अमेरिकी दूरसंचार ऑपरेटर वेरिजॉन ने हाल ही में एएसटी स्पेस मोबाइल ब्लूबर्ड उपग्रह के माध्यम से लाइव वीडियो कॉल का परीक्षण किया। इस परीक्षण को अमेरिकी नियामक एफसीसी यानि संघीय संचार आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया था। इससे पहले एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने भी हाल ही में डायरेक्ट-टू-सेल तकनीक का परीक्षण किया था। अमेरिकी दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा किया गया यह परीक्षण सफल रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार, इस परीक्षण के लिए एएसटी स्पेसमोबाइल के 5 वाणिज्यिक ब्लूबर्ड उपग्रहों को सक्रिय किया गया था। इसके बाद सैटेलाइट कनेक्शन की टेस्टिंग पूरी हो गई है। परीक्षण में सम्पूर्ण डेटा और वीडियो अनुप्रयोग शामिल थे। वेरिज़ोन का दावा है कि उसका नेटवर्क 99 प्रतिशत अमेरिकियों तक पहुंचता है। सैटेलाइट-टू-डिवाइस नेटवर्क के माध्यम से यह उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध होगा जहां मोबाइल टावर लगाना संभव नहीं है।
मोबाइल सेवाओं का एक नया युग
वेरिज़ॉन के सीईओ ने कहा कि अमेरिका में मोबाइल सेवा का एक नया युग शुरू हो गया है। सेलुलर से सैटेलाइट तक का रास्ता साफ हो गया है। यह सेवा डेटा ट्रांसमिशन को भी सक्षम कर सकती है। सैटेलाइट सेवा का परीक्षण पूरा हो जाने के बाद अब न केवल टेक्स्ट बल्कि वीडियो कॉल, चैट और फाइलें भी भेजी जा सकेंगी। सैटेलाइट कनेक्टिविटी से उपयोगकर्ताओं को बहुत लाभ होगा क्योंकि नेटवर्क मजबूत हो जाएगा और कॉल और संदेश बिना किसी रुकावट के भेजे जा सकेंगे।