Sports : यह सिर्फ़ एक ट्रॉफी नहीं, करोड़ों लोगों की दुआओं का असर है ,जब RCB और टीम इंडिया ने सपने सच कर दिखाए

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News India Live, Digital Desk: खेल की दुनिया में कुछ साल ऐसे होते हैं, जिन्हें हमेशा याद रखा जाता है। साल 2025 भी एक ऐसा ही साल बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है, जब सालों से ट्रॉफी का इंतज़ार कर रही टीमों ने आख़िरकार अपने सपने को सच कर दिखाया। यह साल बड़ी और ताक़तवर टीमों का नहीं, बल्कि उन अंडरडॉग्स का रहा, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और जज़्बे से नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक, हर तरफ़ बस एक ही कहानी लिखी गई - सालों का इंतज़ार ख़त्म हुआ।

जब भारत की बेटियों ने दुनिया पर किया राज

सबसे बड़ी और भावुक कहानी लिखी भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने। सालों से वर्ल्ड कप के दरवाज़े पर दस्तक देने वाली इस टीम ने 2025 में आख़िरकार आईसीसी वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। यह जीत सिर्फ़ एक टूर्नामेंट की नहीं, बल्कि देश की करोड़ों लड़कियों के सपनों की जीत थी। फाइनल मैच जीतने के बाद जब कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्रॉफी उठाई, तो पूरे देश की आंखें नम थीं। खिलाड़ियों के आंसू, तिरंगे में लिपटकर मैदान का चक्कर लगाना और देशभर में हुए जश्न ने इस जीत को हमेशा के लिए यादगार बना दिया।

18 साल का सूखा खत्म, आख़िरकार RCB बनी चैंपियन

क्रिकेट की दुनिया में दूसरी बड़ी खुशखबरी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के फ़ैंस के लिए आई। 18 लंबे सालों का इंतज़ार, कई बार फाइनल में मिली हार और "ई साला कप नमदे" (इस साल कप हमारा है) का नारा, जो हर साल एक उम्मीद बनकर आता और टूट जाता था, आख़िरकार सच हो गया। विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी के लिए भी यह पल बेहद भावुक था, जिनकी कप्तानी में टीम ट्रॉफी नहीं जीत पाई थी। लेकिन 2025 में RCB ने जब आईपीएल का खिताब जीता, तो यह सिर्फ़ एक टीम की नहीं, बल्कि उसके करोड़ों वफ़ादार फ़ैंस के सब्र और भरोसे की जीत थी।

जब फुटबॉल में टूटा बायर्न म्यूनिख का दबदबा

यह साल सिर्फ़ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहा। जर्मनी के फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में बायर लेवरकुसेन ने जो किया, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। सालों से चले आ रहे बायर्न म्यूनिख के एकछत्र राज को ख़त्म करते हुए लेवरकुसेन ने लीग का खिताब जीतकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। यह जीत इस बात का सबूत थी कि अगर जज़्बा और सही रणनीति हो, तो किसी भी बादशाहत को खत्म किया जा सकता है।

कुल मिलाकर, साल 2025 ने हमें सिखाया कि खेल में आख़िरी पल तक हार नहीं माननी चाहिए। यह साल उन सभी टीमों के नाम रहा, जिन्होंने उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा और आख़िरकार चैंपियन बनकर उभरीं।

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