खेल: भारतीय गेंदबाजों पर रहेगी नजर, पाकिस्तान की बल्लेबाजी कमजोर, न्यूजीलैंड को रहना होगा सावधान

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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शुरू होने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं। आईसीसी का यह आयोजन हाइब्रिड मॉडल के तहत पाकिस्तान और दुबई में खेला जाएगा।

 

सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम अपने सभी मैच दुबई में खेलेगी। यदि भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई भी कर लेता है और पाकिस्तान भी उसके खिलाफ है, तो भी खिताबी मुकाबला लाहौर या रावलपिंडी में नहीं बल्कि दुबई में खेला जाएगा। आठ टीमें – भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और अफगानिस्तान – 50 ओवर के सफेद गेंद के प्रारूप में खेलेंगी। कट-ऑफ समय पर आईसीसी वनडे रैंकिंग में शीर्ष आठ टीमों को चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने का अवसर मिला है। वेस्टइंडीज और श्रीलंका क्वालीफाई नहीं कर सके। ग्रुप ए में भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं।

भारत ने 29 में से 18 मैच जीते हैं।

भारतीय टीम अब तक चार बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची है और दो बार खिताब जीता है। भारतीय टीम अन्य टीमों के मुकाबले अधिक संतुलित नजर आ रही है और तीसरी बार खिताब जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी। भारत और पाकिस्तान के बीच 23 फरवरी को दुबई में हाई-वोल्टेज मैच खेला जाएगा। सीनियर गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट के कारण इस टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएंगे। उनकी अनुपस्थिति में मोहम्मद शमी नई गेंद की जिम्मेदारी संभालेंगे। भारत ने आखिरी बार 2013 में धोनी की कप्तानी में खिताब जीता था और 2002 में बारिश के कारण श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता बना था।

भारत का मजबूत पक्ष

बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी के आधार पर भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के साथ ट्रॉफी जीतने की दावेदार होगी। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत ने घरेलू मैदान पर इंग्लैंड को 3-0 से हराकर अपनी तैयारियों का संकेत दे दिया था। कप्तान रोहित ने शतक बनाकर फॉर्म में वापसी का संकेत दिया। कोहली भी अपनी पुरानी लय और आत्मविश्वास में नजर आए। युवा बल्लेबाज शुभमन गिल फॉर्म में हैं। हार्दिक पांड्या और श्रेयस अय्यर मध्यक्रम को मजबूत बना रहे हैं। स्पिन विभाग में रविन्द्र जडेजा। वरुण चक्रवर्ती अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के साथ शानदार शुरुआत कर रहे हैं।

 भारत का कमज़ोर पक्ष

तेज गेंदबाज बुमराह की अनुपस्थिति भारत के लिए बड़ा झटका होगी। बुमराह पिछले कुछ समय से तीनों प्रारूपों में भारत के सबसे बड़े मैच विजेता साबित हुए हैं। शमी टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज होंगे। चूंकि वह लंबे समय के बाद क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं, इसलिए उनके फॉर्म को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी।

सबसे बड़ा जोखिम: पिछले साल के टी-20 विश्व कप को छोड़कर, भारत पिछले कुछ वर्षों में आईसीसी प्रतियोगिताओं के फाइनल में हारकर बाहर हो गया है। भारत को पिछले आंकड़ों को देखते हुए सतर्क रहना होगा।

पाकिस्तान का सकारात्मक पक्ष

मेजबान पाकिस्तान के पास विस्फोटक बल्लेबाज हैं और अपने दिन वे और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। फखर जमान ने 2017 के फाइनल में भारत को परेशान किया था। वह बाबर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। कप्तान मोहम्मद रिजवान और फिनिशर सलमान अली आगा शानदार फॉर्म में हैं। पाकिस्तान को अपने घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा मिलेगा। घरेलू टीम के पास घातक तेज गेंदबाजी आक्रमण है लेकिन उसे कराची और रावलपिंडी की पिचों से भी मदद की जरूरत होगी। टीम की सफलता शाहीन शाह अफरीदी, नसीम शाह और हैरिस रऊफ की तेज गेंदबाजी तिकड़ी पर निर्भर करेगी।

पाकिस्तान का नकारात्मक पक्ष

सैम अयूब की असामयिक चोट ने पाकिस्तान की सलामी बल्लेबाजी को कमजोर कर दिया है। पाकिस्तान टीम प्रबंधन बाबर आजम की फॉर्म को लेकर चिंतित है। कामरान गुलाम, खुशदिल शाह और तैयब ताहिर को मिले मौके का फायदा उठाना होगा। खुशदिल और फहीम अशरफ पाकिस्तानी टीम की सबसे कमजोर कड़ी हैं।

सबसे बड़ा जोखिम: टीम में अबरार अहमद के रूप में एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर है जो खतरा बन सकता है। ऑलराउंडर फहीम अशरफ की बल्लेबाजी औसत या गेंदबाजी इकॉनमी दर भरोसा पैदा नहीं करती।

न्यूजीलैंड का सकारात्मक पक्ष

न्यूजीलैंड टीम के पास डेवोन कॉनवे और टॉम लैथम के रूप में दो भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। केन विलियमसन भी एक स्तंभ हो सकते हैं। मध्यक्रम में डेरिल मिशेल और ग्लेन फिलिप्स मैच विजेता साबित हो सकते हैं। उन्होंने त्रिकोणीय पूल के फाइनल में पाकिस्तान को हराया। न्यूजीलैंड शीर्ष चार दावेदारों में से एक है। उनके पास मिशेल सेंटनर के रूप में एक कुशल कप्तान है। कई खिलाड़ियों को दुनिया भर की विभिन्न लीगों में खेलने का अनुभव है जो 50 ओवर के प्रारूप में उनके लिए उपयोगी साबित होगा। वे उपमहाद्वीप की पिच से भी परिचित हैं। बल्लेबाजी सबसे मजबूत पहलू है।

कीवी टीम का नकारात्मक पक्ष

लंबे समय के बाद न्यूजीलैंड की टीम दो वरिष्ठ गेंदबाजों टिम साउथी और ट्रेंट बोल्ट के बिना किसी आईसीसी इवेंट में खेलती नजर आएगी। उपमहाद्वीप और दुबई की पिचों पर गेंदबाजी कौशल अन्य देशों की तुलना में अलग साबित होगा। विलियमसन स्ट्राइक रोटेट कर सकते हैं लेकिन वनडे में उनका स्ट्राइक रेट औसत दर्जे का है।

सबसे बड़ा जोखिम: यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यूजीलैंड मध्य ओवरों में विरोधी स्पिनरों को कैसे खेलता है। विल यंग ने भारत में टेस्ट मैचों के दौरान स्पिनरों के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। एशियाई स्पिनरों को खेलने के लिए कौशल की आवश्यकता होगी।