अनुभवी भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने सोमवार को खेल से संन्यास की घोषणा की। दीपा 2016 रियो ओलंपिक में मामूली अंतर से पदक जीतने से चूक गईं। भारत की पहली ओलंपिक जिम्नास्ट बनीं 31 वर्षीय दीपा रियो खेलों की वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहीं और महज 0.15 अंकों से कांस्य पदक से चूक गईं।
दीपा ने कहा कि काफी सोच-विचार के बाद मैंने प्रतिस्पर्धी जिम्नास्टिक से संन्यास लेने का फैसला किया है। यह कोई आसान फैसला नहीं था लेकिन मेरी राय में यह सही समय है।’ जब से मुझे याद है जिम्नास्टिक मेरे जीवन के केंद्र में रहा है और कई उतार-चढ़ाव के बीच मैं हर पल के लिए आभारी हूं। रियो ओलंपिक के दौरान दीपा कार्यक्रम के दौरान लगभग पूरा देश पूरी रात जागता रहा।
दीपा कर्माकर की उपलब्धियां
रियो ओलंपिक 2016: वॉल्ट स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही, जो ओलंपिक में किसी भी भारतीय महिला जिमनास्ट द्वारा सर्वोच्च स्थान है।
राष्ट्रमंडल खेल 2014: ग्लासगो में आयोजित खेलों की वॉल्ट स्पर्धा में कांस्य पदक जीता जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली।
एशियन चैम्पियनशिप: 2015 में भुवनेश्वर में आयोजित एशियन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
पद्मश्री पुरस्कार: 2017 में दीपा को खेल में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
फ्लिक फ़्लैक: दीपा ने प्रोडुनोवा नामक कठिन वॉल्ट तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया जो चुनौतीपूर्ण है और केवल कुछ जिमनास्ट ही कर सकते हैं।