दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, इसको लेकर जबरदस्त चर्चा जारी है। कई दिग्गज नेताओं के नाम सीएम रेस में सामने आ रहे हैं, लेकिन पार्टी ने स्पष्ट किया है कि 14 फरवरी के बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में भव्य शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली को ‘मिनी भारत’ के रूप में पेश करने के लिए भाजपा दो उपमुख्यमंत्री बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश
भाजपा के कुछ नेताओं का मानना है कि दिल्ली सरकार में दो उपमुख्यमंत्री रखने से पार्टी को विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के नेताओं को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी इसी रणनीति को अपनाया गया है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि के नेताओं को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
- इससे पार्टी को पंजाबी, सिख, पूर्वांचली, उत्तराखंडी, वैश्य, जाट और अन्य समुदायों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने का मौका मिलेगा।
- भाजपा का मानना है कि इससे विभिन्न वर्गों का समर्थन मजबूत होगा और सत्ता संतुलन बना रहेगा।
दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज, दो डिप्टी सीएम पर भी विचार
रविवार को हो सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक
पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के पास यह प्रस्ताव विचाराधीन है। अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद लिया जाएगा।
- रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक संभावित है, जिसमें दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा।
- इस बैठक के बाद सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
पीएम मोदी ने दिल्ली को बताया था ‘मिनी इंडिया’
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में दिल्ली को ‘मिनी भारत’ का प्रतिबिंब बताया था।
दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,
“भाजपा विधायकों में विभिन्न समुदायों जैसे पंजाबी, सिख, पूर्वांचली, उत्तराखंडी, वैश्य और जाट के लोग शामिल हैं। उन्हें हमारी सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। दो उपमुख्यमंत्री बनाने से यह संतुलन कायम करने में मदद मिलेगी।”
- पार्टी का मानना है कि मुख्यमंत्री एक समुदाय से होगा, तो उपमुख्यमंत्री के पद अन्य प्रभावशाली समुदायों को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
- महिला, सिख, जाट और बनिया समुदायों का प्रतिनिधित्व भी इस फैसले से सुनिश्चित किया जा सकता है।
रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि भाजपा सरकार बनते ही छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन किया जाएगा, जो पिछले चार साल से लंबित है।
मुख्यमंत्री पद की रेस में कौन-कौन?
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए कई वरिष्ठ भाजपा नेता दौड़ में हैं।
मुख्य दावेदार:
- प्रवेश वर्मा – नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले भाजपा नेता।
- विजेंद्र गुप्ता – दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और अनुभवी नेता।
- सतीश उपाध्याय – दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष।
- मनजिंदर सिंह सिरसा – सिख समुदाय के प्रभावशाली नेता।
- पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय – वरिष्ठ भाजपा नेता जिनके नाम चर्चा में हैं।
अन्य संभावित चेहरे:
- करनैल सिंह – नए विधायक, लेकिन मजबूत संगठनात्मक पकड़।
- राज कुमार भाटिया – भाजपा के वरिष्ठ नेता, जिनका नाम भी शीर्ष पद के लिए उछल रहा है।
भाजपा की रणनीति यह दर्शाती है कि दिल्ली में सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों का चयन सोच-समझकर किया जाएगा। 14 फरवरी के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।