जयपुर, 9 मई (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए व्यापक निरीक्षण एवं जागरुकता अभियान संचालित किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशन में संचालित इस अभियान के तहत चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की लगभग 250 टीमों ने प्रदेशभर में एक साथ करीब 500 चिकित्सा संस्थानों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया।
अभियान के तहत चिकित्सा संस्थान के भवन की स्थिति, साफ-सफाई, प्रसूति नियोजन दिवस, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण तथा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सा संस्थान की उपलब्धि आदि को देखा गया। इन सभी बिन्दुओं के आधार पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार सुविधाओं को और बेहतर बनाने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। निरीक्षण के दौरान चिकित्सा संस्थानों की मौसमी बीमारियों एवं लू व तापघात से निपटने की तैयारियों का भी अवलोकन किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने जयपुर जिले के चाकसू स्थित उप जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उनके साथ निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत भी मौजूद थे। सिंह ने यहां ओपीडी एवं आईपीडी में उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का अवलोकन किया। उन्होंने लेबर रूम, जनरल वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, आपातकालीन इकाई, ट्रोमा सेन्टर, पीडियाट्रिक सेमी आईसीयू सहित अस्पताल के सभी कक्षों का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति देखी। उन्होंने शौचालयों में साफ-सफाई की स्थिति भी देखी और निर्देश दिए कि साफ-सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया जाए।
जल्द शुरू होगा ब्लड बैंक
सिंह ने उपस्थिति रजिस्टर एवं ड्यूटी रोस्टर रजिस्टर को भी चैक किया। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई पूर्ण कर अस्पताल के ब्लड बैंक को एक माह में शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देश दिए कि अस्पताल में आवश्यक प्रकृति के कार्यों एवं सेवाओं के लिए आरएमआरएस फंड का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसकी नियमित बैठक भी आयोजित किए जाने पर जोर दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने लू-तापघात एवं गर्मी जनित बीमारियों बचाव एवं उपचार के लिए अस्पताल में की गयी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने हीट स्ट्रोक से पीड़ित रोगियों के उपचार के लिए तैयार किए गये मॉडल वार्ड को देखा और गर्मी जनित बीमारियों के उपचार के लिए किए गए प्रबंधन की सराहना की।
रोगियों से संवाद कर लिया फीडबैक
सिंह ने निरीक्षण के दौरान पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती पूजा सैनी, संजना यादव एवं चंदा बैरवा से बात की। उन्होंने तीनों से अस्पताल में उपलब्ध करवायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में पूछा। साथ ही टीकाकरण एवं प्रसवपूर्व होने वाली जांचों के बारे में भी जानकारी ली। महिला रोगियों ने बताया कि अस्पताल में उन्हें सभी स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क और सुगमता से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने अन्य रोगियों से भी बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में फीडबैक लिया।
सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता पर रहेगा फोकस
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि अब फैसिलिटी स्तर से आगे बढ़कर सेवाओं की पहुंच और उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर कार्य कर रहा है प्रबंधकीय टीम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान पाई जाने वाली कमियों को दूर कर सभी आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यरत अधिकारी मॉनिटरिंग और सुपरविजन को बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा चयनित 27 आशान्वित ब्लॉक में 39 सूचकांक निर्धारित किए गए हैं। इन 39 सूचकांकों में 7 सूचकांक स्वास्थ्य से संबंधित है। नियमित निरीक्षण और पर्यवेक्षण के माध्यम से इन सूचकांकों में और सुधार किया जा रहा है।
एनएचएम के मिशन निदेशक ने गोविन्दपुरा एवं जाहोता में किया निरीक्षण
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जयपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र गोविन्दपुरा एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर जाहोता का निरीक्षण किया। साथ ही सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान के तहत मातृ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने आई गर्भवती एवं धात्री महिलाओं से फीडबैक भी लिया। अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम अरूण कुमार गर्ग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेनवाल मांजी का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वाटिका का निरीक्षण किया।
राज्य स्तरीय टीमों ने 27 जिलों के आशान्वित ब्लॉक का किया निरीक्षण
अभियान के तहत राज्य स्तरीय टीमों द्वारा 27 जिलों के आशान्वित ब्लॉक बांसवाड़ा के छोटा डूंगरा, बारां के किशनगंज, बाड़मेर के रामसर, भरतपुर के भुसावर, बीकानेर के कोलायत, बूंदी के कापरेन, चित्तौडगढ़ के निम्बाहेड़ा, चुरू के राजगढ़, दौसा के रामगढ-पचवारा, धौलपुर के बसेड़ी, डूंगरपुर के जोथारी एवं गंगारपुर सिटी में निरीक्षण किया गया। इसी प्रकार हनुमान के संगरिया, जैसलमेर के फतेहगढ़, जालौर के आहोर, झालावाड़ के खानपुर, जोधपुर ग्रामीण के शेरगढ़, करौली के मासलपुर, कोटपूतली के शाहजहांपुर, नागौर के जायल, पाली, प्रतापगढ़ के पीपलखूंट, राजसमंद के भीम, शाहपुरा के कोटड़ी, सिराही के आबूरोड़, टोंक के पीपलू एवं उदयपुर के खेरवाड़ा में निरीक्षण किया गया। शेष जिलों में भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के स्तर पर गठित टीमों द्वारा निरीक्षण कर रिपोर्ट राज्य स्तर पर भिजवाई जाएगी।