दक्षिण कोरिया में इस वक्त राजनीतिक अस्थिरता है. मार्शल लॉ लगाने की घोषणा और फिर फैसले से यू-टर्न को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में न सिर्फ उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी बल्कि सत्ताधारी पार्टी के कई सदस्यों ने बगावती सुर अपना लिया है. कई इस्तीफे हो चुके हैं. खुद राष्ट्रपति पर महाभियोग की तलवार लटक रही है.
सिर्फ प्रदर्शनकारी ही नहीं बल्कि कई कैबिनेट नेता भी मार्शल लॉ के फैसले का विरोध कर रहे हैं
दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, राष्ट्रपति इयुन सुक येओल के चीफ ऑफ स्टाफ सहित कई शीर्ष कैबिनेट सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि 12 कैबिनेट मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है.
उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है
सिर्फ प्रदर्शनकारी ही नहीं बल्कि कई कैबिनेट नेता भी मार्शल लॉ के फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनकी पार्टी पीपुल्स पावर पार्टी के वरिष्ठ नेता हान डोंग-हून ने मुख्य विपक्षी नेता ली जे-म्युंग से हाथ मिलाकर इस फैसले को गलत बताया. राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की मांग को लेकर सड़कों पर रैलियां निकाली जा रही हैं. उन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है।
राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की मांग
राष्ट्रपति की घोषणा और उसके बाद लिए गए फैसले से यू-टर्न उन पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। संसद राष्ट्रपति पर महाभियोग चला सकती है। यदि नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से अधिक सांसद उनके पक्ष में मतदान करते हैं, तो उन पर महाभियोग चलाया जा सकता है। राष्ट्रपति की पीपुल्स पावर पार्टी के पास नेशनल असेंबली में 300 में से 108 सांसद हैं।
राष्ट्रपति को विपक्ष का अल्टीमेटम
दक्षिण कोरिया की विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति यू को तुरंत राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देने पर महाभियोग चलाने का अल्टीमेटम दिया है। यदि नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से अधिक सांसद उनके पक्ष में मतदान करते हैं, तो उन पर महाभियोग चलाया जा सकता है। महाभियोग प्रस्ताव संवैधानिक न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
यदि नौ में से कम से कम छह न्यायाधीश इसे मंजूरी दे देते हैं, तो आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी। इस अवधि के दौरान, राष्ट्रपति अंतिम निर्णय होने तक अपनी शक्तियों का प्रयोग करने से प्रतिबंधित रहेंगे। इस अवधि के दौरान प्रधानमंत्री अंतरिम नेता के रूप में कार्य करेंगे। महाभियोग के 60 दिनों के भीतर चुनाव कराना होता है.