सोमवती अमावस्या 2024: शुभ मुहूर्त, योग और महत्व

26 12 2024 Somvati Amavasya 2024

नई दिल्ली: सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों, विशेषकर गंगा में स्नान कर, भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है और साधक के जीवन में सुख, सौभाग्य और संकटों से मुक्ति मिलती है।

इस वर्ष सोमवती अमावस्या पर विशेष शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिनमें भगवान शिव की पूजा से साधकों को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पंचांग और विशेष योग।

सोमवती अमावस्या 2024 का शुभ मुहूर्त

पौष अमावस्या तिथि का आरंभ:
30 दिसंबर 2024 को सुबह 04:01 बजे

अमावस्या तिथि की समाप्ति:
31 दिसंबर 2024 को रात 03:56 बजे

धार्मिक मान्यता:
सनातन धर्म में सूर्योदय के आधार पर तिथि मानी जाती है। अतः इस वर्ष सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को मनाई जाएगी।

सोमवती अमावस्या पर विशेष योग

  • वृद्धि योग:
    यह शुभ योग सुबह से शुरू होकर रात 08:32 बजे तक रहेगा।
  • ध्रुव योग:
    वृद्धि योग के बाद यह शुभ योग रात्रि भर रहेगा।
  • शिववास योग:
    यह दुर्लभ योग इस दिन महादेव की पूजा के लिए अत्यंत मंगलकारी है।

ज्योतिषीय महत्व:

  • वृद्धि योग: साधक की उन्नति और सफलता के लिए उत्तम।
  • शिववास योग: भगवान शिव का अभिषेक करने से सुख, सौभाग्य और संकटों से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन भगवान शिव मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहते हैं।

सोमवती अमावस्या पर पूजा का महत्व

  • पवित्र नदियों में स्नान से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • भगवान शिव का जलाभिषेक मनोकामना पूर्ण करता है।
  • पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सोमवती अमावस्या 2024: पंचांग और शुभ मुहूर्त

घटनाक्रम समय
सूर्योदय सुबह 07:13 बजे
सूर्यास्त शाम 05:34 बजे
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:24 से 06:19 बजे
विजय मुहूर्त दोपहर 02:07 से 02:49 बजे
गोधूलि मुहूर्त शाम 05:32 से 05:59 बजे
निशिता मुहूर्त रात 11:57 से 12:51 बजे

कैसे करें पूजा?

  1. सूर्योदय से पहले स्नान करें।
  2. भगवान शिव का गंगाजल, दूध, और शहद से अभिषेक करें।
  3. पितरों का तर्पण करें और भोग लगाएं।
  4. जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें।