गर्मियों में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां!

अत्यधिक गर्मी के दौरान शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे नसों में थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।

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भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी शुरू हो गई है. ज्यादातर जगहों पर तापमान लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में जहां लोगों को लू के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं डॉक्टरों का कहना है कि तेज गर्मी से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है. ब्रेन स्ट्रोक एक घातक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक जाता है या मस्तिष्क की नसें फट जाती हैं। इससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर के विभिन्न कार्य प्रभावित होते हैं।

डॉक्टरों के मुताबिक, अत्यधिक गर्मी के दौरान शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे नसों में थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही शरीर डिहाइड्रेशन का भी शिकार हो सकता है, जिससे खून का गाढ़ापन बढ़ जाता है और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। ये दोनों स्थितियां ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।

हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण हैं:

-अचानक तेज सिरदर्द होना

– शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्नता, खासकर चेहरा, हाथ या पैर

– बोलने में परेशानी या अस्पष्ट वाणी

– दृष्टि संबंधी समस्याएं, जैसे एक आंख में धुंधली दृष्टि या दोहरी दृष्टि

– चक्कर आना, असंतुलन, या समन्वय की कमी

-अचानक बेहोश हो जाना

गर्मी के दिनों में अगर आपको या आपके आसपास किसी को भी ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। ब्रेन स्ट्रोक एक समय पर निर्भर बीमारी है, यानी जितनी जल्दी इलाज मिले, उतना कम नुकसान होता है।

गर्मियों में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां

– दोपहर के समय जब सूर्य की तीव्रता सबसे अधिक हो तो सूर्य की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचें।

– दिनभर पानी पीते रहें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

– हल्के और ढीले कपड़े पहनें। ढीले और हल्के सूती कपड़े पहनने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।

– जितना हो सके एसी रूम में रहें। खासकर बुजुर्ग और बीमार लोगों को धूप से बचने और एसी कमरों में रहने की सलाह दी जाती है।

– एसी का तापमान अचानक कम न करें। एयर कंडीशनर का तापमान अचानक कम करने से भी शरीर को नुकसान हो सकता है। तापमान को धीरे-धीरे कम करें।