भोपाल, 24 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने कहा कि आज देश में ऐसी ताकतें सक्रिय हैं, जो हिन्दू समाज को विखंडित करने के प्रयास में लगी हुईं हैं। वे हमें जाति, पंथ, स्त्री-पुरुष इत्यादि प्रकार के भेदों में बांटने के लिए वैचारिक भ्रम उत्पन्न करते हैं। विविधता हमारी कमजोरी नहीं, अपितु हमारी विशेषता रही है, परंतु औपनिवेशिक ताकतों ने हमारे बीच विविधता को आधार बनाकर द्वेष और भेद उत्पन्न करने के षड्यंत्र रचे हैं। हमें इन षड्यंत्रों के प्रति जागरूक होना है और अपने समाज को भी जागरूक करना है।
क्षेत्र प्रचारक कुलकर्णी शुक्रवार को भोपाल में संघ के स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण वर्ग के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारा समाज अनेक प्रकार की विविधताओं के होते हुए भी एक साथ रहता है। हमारे यहां एक-दूसरे पर एक-दूसरे की उपासना पद्धति को थोपा नहीं गया। उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ताओं को समाज की समस्याओं का समाधान देने वाला बनना चाहिए।
भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के स्वयंसेवकों के लिए 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। यहां शारदा विहार परिसर में आयोजित इस प्रशिक्षण वर्ग में चार प्रांतों (छत्तीसगढ़, महाकौशल, मालवा और मध्यभारत प्रांत) के 382 स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। इस वर्ग में स्वयंसेवक सुबह 4:30 बजे से रात्रि 10:30 बजे तक अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए संघ कार्य का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
प्रशिक्षण वर्ग का उद्घाटन करते हुए कुलकर्णी ने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है। समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसे निष्ठावान लोग खड़े होने चाहिए, जिनको देखकर अन्य लोग सीख लें। इसलिए हम कह सकते हैं कि संघ का सबसे बड़ा कार्य- ‘समाज में उदाहरण खड़े करना है। उन्होंने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति, त्याग और समर्पण की भावना के साथ हम राष्ट्रीय कार्य में जुड़ते हैं। इस कार्य को करने की कुशलता प्राप्त करने के लिए संघ की ओर से वर्गों का आयोजन करने की परंपरा है। सही अर्थों में कुशलता का नाम ही वर्ग है।
कुलकर्णी ने कहा कि संघ के वर्ग में कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण औपचारिक एवं अनौपचारिक ढंग से होता है। हम यहां के पाठ्यक्रम के साथ ही एक-दूसरे से भी सीखते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह प्रशिक्षण स्वयं के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में संघ कार्य विस्तार के लिए उपयोगी है। हम यहां जो कुशलता प्राप्त करेंगे, उसका उपयोग संघ कार्य के विस्तार में करना है।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण वर्ग देश के लिए अपना समय, धन और मन देकर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण वर्ग से कार्यकर्ताओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। वर्ग में कार्यकर्ता हिन्दू समाज को मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने और सज्जनशक्ति को राष्ट्रीय कार्य में साथ लेने का कौशल सीखते हैं। इस अवसर पर मंच पर वर्ग के सर्वाधिकारी सोमकांत उमालकर भी उपस्थित थे।