स्वास्थ्य समाचार : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बादाम फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ई और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि रोजाना बादाम खाना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन एक सवाल हर किसी के मन में बार-बार उठता है कि बादाम खाने का कौन सा तरीका ज्यादा सेहतमंद होता है, पानी में भिगोकर खाना (भिगोया हुआ बादाम) या बिना भिगोए खाना?
बादाम एक सूखा मेवा है और ज्यादातर सूखे मेवे तासीर में गर्म होते हैं। इसलिए, इसे ठंडा करने और इसके प्रभाव को संतुलित करने के लिए इसे भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़े कई अन्य कारण भी हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञ बादाम को रात भर पानी में भिगोकर रखने और सुबह छीलकर खाने की सलाह देते हैं।
आइए जानते हैं भीगे हुए बादाम खाने से क्या फायदे होते हैं
बादाम के छिलके में टैनिन होता है
पहली बात तो यह कि बादाम का भूरा छिलका जो छिलके की तरह बादाम से चिपका रहता है, उसमें टैनिन नामक पदार्थ होता है। जो बादाम के पाचन में समस्या पैदा करता है। टैनिन के कारण बादाम के सभी गुण शरीर को नहीं मिल पाते क्योंकि यह बादाम द्वारा एंजाइमों की रिहाई को रोकता है। इसलिए बादाम खाने से भी शरीर को इसके सारे गुण नहीं मिल पाते हैं।
भिगोने से बनावट नरम हो जाती है
बादाम को पानी में भिगोने से उन्हें छीलना आसान हो जाता है और ब्लांच किये हुए बादाम खाने से सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसकी चिकनी बनावट के कारण इसे छोटे बच्चों को भी खिलाया जा सकता है। बिना भीगे बादाम बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
चर्बी कम करने में मदद करता है
बादाम के छिलके खाने से शरीर की चर्बी भी कम करने में मदद मिलती है। क्योंकि छिले हुए बादाम लाइपेस नामक एंजाइम छोड़ते हैं, जो शरीर में वसा को जमा होने से रोकता है।
वजन नियंत्रण में उपयोगी
वजन घटाने में छिलके वाले बादाम भी बहुत फायदेमंद होते हैं। क्योंकि इससे निकलने वाले एंजाइम और कार्बोहाइड्रेट पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं। ऐसे में आपको अतिरिक्त कैलोरी खाने से बचना चाहिए और धीरे-धीरे वजन नियंत्रण से लेकर वजन घटाने की ओर बढ़ना शुरू करना चाहिए।