सर्दियों में कई लोगों में सोते समय खर्राटों की समस्या बढ़ती देखी जाती है। यह समस्या न केवल आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि साथ सोने वालों के लिए भी परेशानी का कारण बनती है। आइए समझते हैं कि सर्दियों में खर्राटे क्यों बढ़ जाते हैं और इससे निजात पाने के लिए कौन से उपाय कारगर हो सकते हैं।
सर्दियों में खर्राटे क्यों बढ़ जाते हैं?
1. नाक बंद होना:
ठंड के मौसम में साइनस और एलर्जी के कारण नाक बंद होना आम बात है। जब नाक से सांस लेना मुश्किल हो जाता है, तो मुंह से सांस लेने की मजबूरी बढ़ जाती है, जिससे खर्राटे आने लगते हैं।
2. गले की मांसपेशियों का सिकुड़ना:
ठंड लगने पर गले की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, जिससे हवा का रास्ता टाइट हो जाता है। यह खर्राटों का एक अहम कारण हो सकता है।
सर्दियों में शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और भोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वजन बढ़ सकता है। गले के आसपास चर्बी जमने से खर्राटे भी बढ़ जाते हैं।
4. शुष्क वायु
सर्दियों में हीटर और कम नमी के कारण हवा शुष्क हो जाती है। इससे गले और नाक की झिल्ली सूख जाती है, जिससे खर्राटे आते हैं।
खर्राटे कम करने के उपाय
1. भाप लेना
सोने से पहले भाप लेने से नाक की नली खुल जाती है और सांस लेना आसान हो जाता है।
2. सोने की स्थिति बदलें: बिस्तर पर सोना
पीठ के बल सोने से गले की वायुमार्ग में रुकावट हो सकती है। बेहतर होगा कि आप करवट लेकर सोएं।
3. ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें:
कमरे में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। यह गले और नाक की झिल्लियों को सूखने से बचाता है।
4. वजन पर नियंत्रण रखें:
संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रखें। इससे खर्राटों को कम करने में मदद मिलती है।
5. शराब और धूम्रपान से बचें: दोनों
ये चीजें सांस की नली को प्रभावित करती हैं और खर्राटों को बढ़ा सकती हैं। इसलिए बेहतर है कि धूम्रपान और शराब पीना हमेशा के लिए छोड़ दें।