दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे देश की जहां सांपों की खेती की जाती है। जी हाँ, आप सही सुन रहे हैं. इस देश में सांपों की खेती की जाती है।
हम बात कर रहे हैं भारत के पड़ोसी देश चीन की, चीन में सांप पालन एक विशेष और पारंपरिक गतिविधि है, जो देश की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का हिस्सा है। चीन में सांप पालने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। प्राचीन काल से ही साँपों का उपयोग औषधीय भोजन और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में किया जाता रहा है।
साँप पालन चीन की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली टीसीएम (पारंपरिक चीनी चिकित्सा) का एक अनिवार्य हिस्सा है। यहां के लोगों का मानना है कि सांपों के विभिन्न अंगों में विशेष औषधीय गुण होते हैं जो शरीर के स्वास्थ्य और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं।
चीनी संस्कृति में साँप को शक्ति और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। साँप के विभिन्न भागों का उपयोग दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों में किया जाता है, जो इसे सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।
पारंपरिक चीनी चिकित्सा में सांपों के उपयोग का विशेष महत्व है। साँपों के मांस, त्वचा और अंगों का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, साँप की खाल का उपयोग त्वचा रोगों, जोड़ों के दर्द और सूजन के इलाज में किया जाता है।