राम गोपाल यादव का विवादित बयान: स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की गई है जिसमें दावा किया गया है कि राजस्थान की राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह में एक महादेव मंदिर है। कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया है और दरगाह प्रबंधन कमेटी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को कोर्ट द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले में राजनीति गरमा गई है. इस विवाद पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने जजों को लेकर विवादित टिप्पणी की है. एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए यादव ने कहा कि छोटे जज देश में आग लगाना चाहते हैं. इससे पहले उन्होंने हाल ही में सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर विवादित टिप्पणी की थी और बाद में यू-टर्न ले लिया था.
छोटे जज देश में आग लगाना चाहते हैं
अजमेर शरीफ विवाद को लेकर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, ‘मैं पहले भी कह चुका हूं कि ऐसे छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगाना चाहते हैं. इसका कुछ मतलब नहीं बनता। हमारे प्रधानमंत्री स्वयं अजमेर शरीफ पर चादर भेजते हैं। वहां देश-दुनिया से लोग आते हैं. इसे विवादों में डालना बेहद घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है।’ भाजपा समर्थक सत्ता में बने रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाये उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें सिर्फ सत्ता से मतलब है. उनसे सवाल किया गया कि नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि उन्हें इस मामले में पार्टी नहीं बनाया गया है.
याचिकाकर्ता का दावा है कि यहां महादेव मंदिर स्थित है
याचिका एक हिंदू संगठन के विष्णु गुप्ता ने दायर की थी. जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. याचिकाकर्ता का दावा है कि महादेव मंदिर यहां स्थित है, इसलिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को पूरे मंदिर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने अब दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और एएसआई को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. इससे पहले इसी याचिकाकर्ता की ओर से अजमेर कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अजमेर दरगाह को शिव मंदिर घोषित करने की मांग की गई थी, हालांकि कोर्ट ने अर्जी सुनने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद एक नई अर्जी दायर की गई जिसमें धर्मस्थल के सर्वेक्षण की मांग की गई है. कोर्ट ने अब सभी पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा है, अब मामले की आगे की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.