देहरादून, 14 मई (हि.स.)। सेलाकुई थाना क्षेत्रांतर्गत सुंदर वन स्थित झुग्गी झोपड़ियों में आगजनी की घटना को अजांम देने वाले एक आरोपित को दून पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित प्लॉट के मूल मालिक का परिचित है।
आरोपित झुग्गी झोपड़ियों में निवासरत लोगों से बातचीत कर सेटलमेंट करने आया था। बात न बनने पर प्लॉट खाली कराने और सेटलमेंट का पैसा हड़पने के लिए साथी के साथ मिलकर आगजनी की घटना को अजांम दिया था। हालांकि पूर्व में कुछ लोगों को पैसा देकर झुग्गी झोपड़ियां खाली करा ली थी।
गत पांच मई को सेलाकुई थाना क्षेत्रांतर्गत भाऊवाला सुंदर वन के पास झुग्गी झोपड़ियों में आग लगने की घटना हुई थी। आग की चपेट में आने से लगभग 50 से 55 झुग्गी झोपड़ियां जलकर राख हो गई थीं। उक्त झुग्गी झोपड़ियां सुंदर वन क्षेत्र में निजी प्लाट पर बनी हुई थीं, जहां वर्ष 2022 में भी इसी प्रकार आग लगने की घटना हुई थी। दो वर्ष के अंतराल पर एक ही स्थान पर घटित दोनों घटनाओं पर संदिग्धता प्रतीत होने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने आग लगने के कारणों से जुड़े सभी संभावित पहलुओं पर विस्तृत जांच के आदेश दिए। जांच में पुलिस टीम को कार सवार व्यक्तियों द्वारा कार से उतरकर एक झोपडी के किनारे आग लगाए जाने की फुटेज प्राप्त हुई। इसके आधार पर एसएसपी ने संदिग्धों के विरूद्ध थाना सेलाकुई में मुकदमा दर्ज किया गया था।
अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए गठित पुलिस टीम ने घटनास्थल व आसपास मार्गों पर लगे सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन कर अभियुक्तों के संबंध में जानकारी ली और मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया। जांच में आगजनी की घटना को दो अभियुक्तों राजेंद्र सिंह बिष्ट तथा रवि गुसांई द्वारा किया जाना प्रकाश में आया। पुलिस टीम ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर राजेंद्र सिंह बिष्ट (45) पुत्र कृपाल सिंह निवासी सुद्धोवाला थाना प्रेम नगर देहरादून को धूलकोट तिराहे से घटना में प्रयुक्त वाहन के साथ गिरफ्तार कर लिया। जबकि दूसरा अभियुक्त रवि गुसांई निवासी सुद्धोवाला प्रेम नगर देहरादून घर से फरार चल रहा है।
यह है मामला-
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित ने बताया कि वे उक्त प्लाट के मूल मालिक के परिचित हैं। उसने उसे सेलाकुई में अपना प्लॉट होने के संबंध में जानकारी दी थी और प्लॉट खाली कराने के लिए झुग्गी झोपड़ियों में निवासरत लोगों से बातचीत कर सेटलमेंट करने के लिए भेजा था। सेटलमेंट के लिए पैसा भी दिया था। अभियुक्तों ने बस्ती में निवासरत कुछ लोगों को पैसा देकर उनकी झोपड़ी खाली करवाई थी। लोगों से बात न बनने पर अभियुक्तों ने सैटलमेंट का पैसा हड़पने की नियत से झुग्गी झोपड़ियों में आग लगा दी, जिससे प्लाॅट खाली कराया जा सके और सेटलमेंट का पैसा भी ना देना पड़े।