महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के रुझानों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को भारी बहुमत मिलता दिख रहा है. साथ ही कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का महाविकास अघाड़ी गठबंधन भी काफी पीछे है. हालात ये हैं कि अब बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की लहर देखने को मिल रही है. वहीं शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के लिए निराशा है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शायद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बटांगे तो काटेंगे’ का असर महाराष्ट्र में देखने को मिला है. मुख्यमंत्री योगी ने कई रैलियों में ये नारे लगवाए और इसकी काफी चर्चा हुई.
योगी के नारे का असर?
माना जाता है कि इस नारे का असर हुआ और इसका अत्यधिक ध्रुवीकरण हुआ। इस नारे का असर ऐसा हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अलग सुर में लेकिन एक ही बात दोहराते हुए कहा, ‘एक है तो साफ है’, जो योगी के नारे का ही विस्तार था. अब तक के रुझान में विदर्भ के अलावा मुंबई और पश्चिम महाराष्ट्र जैसे इलाकों में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है. जहां सभी एग्जिट पोल रसाक्षी की लड़ाई की बात कर रहे थे, वहीं इस तरह की बढ़त ने बीजेपी को राहत दी है. इतना ही नहीं, 4 जून को लोकसभा के नतीजों ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया था, क्योंकि माना जा रहा था कि अगर जनता का रुख ऐसा ही रहा तो महाविकास अघाड़ी को बड़ी जीत मिल सकती है.
एग्ज़िट पोल की अटकलें ग़लत?
अब सभी अटकलें गलत साबित हो रही हैं और बीजेपी और उसके सहयोगियों को बड़ी सफलता मिली है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी पार्टियों ने आरक्षण छीन लिया था और संविधान बदलने का अभियान चलाया था. माना जा रहा था कि इसकी वजह से उन्हें चुनाव में फायदा मिला. इस बार महायुति ने पहले से योजना बनाई थी. कई जातियों को ओबीसी सूची में शामिल किया गया. इसके अलावा टिकट आवंटन में भी इसका ख्याल रखा गया. इतना ही नहीं चुनाव से कुछ महीने पहले घोषित की गई लड़की बहिन योजना का असर भी देखने को मिल रहा है.
वोट प्रतिशत बढ़ने से बीजेपी को फायदा
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में बढ़े वोट हमारे पक्ष में हैं। इतिहास हमें बताता है कि जब भी मतदान प्रतिशत बढ़ा है, हमें फायदा हुआ है।’ लड़की बहिन योजना लोगों को पसंद आ रही है और लोग इसके समर्थन में सामने आ रहे हैं।
महाराष्ट्र में योगी की सक्रियता
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ इस बार महाराष्ट्र में भी काफी सक्रिय नजर आए. उन्होंने उन इलाकों में बैठकें कीं जहां यूपी और बिहार की आबादी ज्यादा है.