जो लोग नियमित समय पर नहीं सोते और जागते हैं उनमें दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन में किए गए इस अध्ययन से पता चलता है कि नींद के पैटर्न का हृदय स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, भले ही किसी व्यक्ति को पर्याप्त नींद मिले या नहीं।
शोधकर्ताओं ने 72,269 लोगों के डेटा का अध्ययन किया, जिनकी उम्र 40 से 79 वर्ष के बीच थी और उन्हें हृदय से जुड़ी कोई गंभीर समस्या नहीं थी। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की नींद अनियमित थी, उनमें हृदय रोग का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक था, जो नियमित रूप से सोते थे।
नींद और हृदय रोग के बीच संबंध
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों की नींद अनियमित थी, उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा 26% अधिक था। वहीं, उन लोगों के लिए जोखिम 8% अधिक था जिनकी नींद का पैटर्न थोड़ा अनियमित था। यह शोध साबित करता है कि नींद का पैटर्न हृदय संबंधी समस्याओं का एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
सीआरपी प्रोटीन और सूजन हृदय रोग का कारण बनते हैं।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की वरिष्ठ कार्डियक नर्स एमिली मैकग्राथ ने कहा कि खराब नींद से शरीर में सीआरपी प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जो सूजन का संकेत है। सूजन से हृदय और रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस शोध से यह भी पता चलता है कि नींद की समस्या हृदय और रक्तचाप से संबंधित बीमारियों को बढ़ा सकती है।