दिवाली और धनतेरस पर चांदी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। भारत में पिछले 20 सालों में धनतेरस और दिवाली पर चांदी की सबसे ज्यादा खरीद-बिक्री देखी गई है। जो कि 200 टन है. इस दौरान करीब 2200 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस साल चांदी की बिक्री में 37 फीसदी का उछाल आया है. 5 व 10 ग्राम के सिक्कों की मांग 60 फीसदी रही. जो सबसे ज्यादा था. इसके अलावा चांदी के बर्तन, लैंप, मूर्तियां और आभूषणों की भी मांग रही।
चाँदी का उपयोग बढ़ा
चांदी का उपयोग अब आभूषणों के अलावा कई अन्य चीजों में भी किया जाता है। जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 15-30 ग्राम चांदी की आवश्यकता होती है, इसलिए इसका उपयोग काफी बढ़ गया है। इसके अलावा दुनिया भर में चल रहे संघर्षों और युद्धों के कारण भी लोग चांदी को सुरक्षित निवेश मानने लगे हैं। चांदी की कीमतें साल भर में और बढ़ सकती हैं और 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। चांदी की मांग बढ़ रही है और इस वजह से इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं। लोग अब चांदी को अच्छा निवेश मानने लगे हैं।