शरीर में छिपा 'खामोश दुश्मन'! यूरिक एसिड बढ़ने पर दिखते हैं ये 4 शुरुआती संकेत, इग्नोर किया तो पड़ेगा पछताना

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नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खान-पान की आदतों ने हमें कई ऐसी बीमारियां दे दी हैं, जिनके बारे में हम पहले कम ही सुनते थे. इन्हीं में से एक 'खामोश दुश्मन' है यूरिक एसिड (Uric Acid). यह एक ऐसा केमिकल है, जो चुपचाप हमारे खून में बढ़ता रहता है और जब तक हमें इसका पता चलता है, तब तक यह हमारे जोड़ों और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा चुका होता है.

यह समस्या अब सिर्फ बड़े-बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि 30-40 की उम्र के युवा भी तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि लोग इसके शुरुआती लक्षणों को मामूली दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर एक बड़ी और दर्दनाक बीमारी का रूप ले लेता है.

तो चलिए, जानते हैं कि आखिर यह यूरिक एसिड है क्या और शरीर इसके बढ़ने पर कौन से 4 बड़े संकेत देता है, जिन्हें आपको भूलकर भी इग्नोर नहीं करना चाहिए.

क्या है यूरिक एसिड और क्यों है यह इतना खतरनाक?

जब हमारा शरीर प्रोटीन से मिलने वाले 'प्यूरीन' नाम के केमिकल को तोड़ता है, तो यूरिक एसिड बनता है. आमतौर पर, हमारी किडनी इसे फिल्टर करके शरीर से बाहर निकाल देती है.

समस्या कब शुरू होती है? जब हम बहुत ज्यादा प्रोटीन वाली चीजें (जैसे- रेड मीट, दालें, कुछ खास मछलियां) खाने लगते हैं या हमारी किडनी इसे ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती, तो यह यूरिक एसिड खून में जमा होने लगता है. धीरे-धीरे यह छोटे-छोटे क्रिस्टल (कांच के टुकड़ों जैसे) का रूप ले लेता है और हमारे जोड़ों (Joints) में जाकर जमा हो जाता है, जिससे भयानक दर्द और सूजन शुरू हो जाती है.

शरीर के ये 4 संकेत हैं 'रेड अलर्ट':

अगर आपको अपने शरीर में ये बदलाव महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत सावधान हो जाएं और डॉक्टर से मिलें:

पैरों के अंगूठे, एड़ियों और घुटनों में चुभन वाला दर्द: यह इसका सबसे पहला और सबसे आम लक्षण है. खासकर रात में या सुबह उठते समय पैरों के अंगूठे में अचानक तेज, जलन और चुभन वाला दर्द होना यूरिक एसिड का सबसे बड़ा संकेत है.

जोड़ों में सूजन और लाल होना: जिस भी जोड़ में ये क्रिस्टल जमा होते हैं, वहां सूजन आ जाती है, वह हिस्सा छूने पर गर्म महसूस होता है और लाल पड़ जाता है. कई बार यह सूजन इतनी होती है कि जूता पहनना भी मुश्किल हो जाता है.

जोड़ों में अकड़न: सुबह सोकर उठने पर या काफी देर तक एक ही जगह बैठे रहने के बाद जोड़ों में अकड़न महसूस होती है और उन्हें हिलाने-डुलाने में दिक्कत होती है.

बार-बार पेशाब आना (किडनी पर असर): अगर यूरिक एसिड बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो यह किडनी में भी जमा होकर पथरी (Kidney Stones) बना सकता है. इसके कारण आपको बार-बार पेशाब आने, पेशाब में जलन होने या पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है.

कैसे करें बचाव? (Lifestyle में करें ये 5 बदलाव)

प्रोटीन पर कंट्रोल: रेड मीट, सी-फूड, राजमा, उड़द दाल और पालक जैसी ज्यादा प्यूरीन वाली चीजों का सेवन कम करें.

खूब पानी पिएं: दिन में कम से-कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं. यह किडनी को यूरिक एसिड बाहर निकालने में मदद करता है.

वजन कंट्रोल करें: मोटापा यूरिक एसिड बढ़ने का एक बड़ा कारण है.

शराब से दूरी: शराब, खासकर बीयर, शरीर में यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ाती है.

फाइबर वाली चीजें खाएं: सेब, संतरा, खीरा और गाजर जैसी चीजें अपनी डाइट में शामिल करें.

याद रखें, शरीर का दिया हुआ कोई भी संकेत मामूली नहीं होता. समय पर की गई एक छोटी सी जांच आपको भविष्य की एक बड़ी और दर्दनाक बीमारी से बचा सकती है.

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