सेबी समाचार: नए सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को पहली बोर्ड बैठक होगी। बैठक में एफपीआई की प्रकटीकरण सीमा बढ़ाने और शोध विश्लेषकों को कड़े नियमों से राहत प्रदान करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस बैठक में एफपीआई के लिए प्रकटीकरण नियमों में ढील दी जा सकती है। इसके साथ ही रिसर्च एनालिस्ट फीस में भी राहत संभव है। एल्गो ब्रोकर्स के लिए निपटान योजना पर भी निर्णय संभव है।
सेबी बोर्ड बैठक: एफपीआई को राहत संभव!
सोमवार की बैठक में एफपीआई के लिए अतिरिक्त प्रकटीकरण सीमा में ढील दी जा सकती है। वर्तमान 25,000 करोड़ रुपये के स्थान पर 50,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया जा सकता है। बाजार में तेजी को देखते हुए सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। 50 प्रतिशत सांद्रता सीमा में किसी भी परिवर्तन की संभावना नहीं है।
अनुसंधान विश्लेषकों के लिए राहत!
कल की बैठक में अनुसंधान विश्लेषकों और निवेश सलाहकारों को कुछ राहत मिल सकती है। अग्रिम शुल्क वसूलने की सीमा बढ़ सकती है। वर्तमान में एक तिमाही के लिए अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति है। अधिकतम एक वर्ष के लिए अग्रिम शुल्क लेने का प्रस्ताव है। अग्रिम शुल्क सीमा को कम करने का कड़ा विरोध हुआ। सेबी का इरादा यह था कि निवेशकों को शुल्क देकर फंसा हुआ महसूस न हो। कोई भी परिवर्तन केवल व्यक्तियों और एचयूएफ आदि के मामले में ही लागू होगा। यदि ग्राहक सलाहकार को बीच में ही छोड़ देता है, तो प्रदान की गई सेवा के अनुपात में शुल्क काट लिया जाएगा।
250 रुपए की एसआईपी से जुड़े नियम
250 रुपए की एसआईपी को लेकर भी नियम हो सकते हैं। इसके लिए रियायती दरों पर सुविधाएं और प्रोत्साहन के नियम बनाए जाएंगे। प्रोत्साहन के लिए निवेशक संरक्षण कोष से धन लेने पर विचार किया जा सकता है। वितरकों को 250 रुपए की एसआईपी पर 500 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा। इसके लिए एएमएफआई स्तर पर एमएफ के निवेशक सुरक्षा कोष से धन हस्तांतरित किया जाएगा। प्रोत्साहन राशि एसआईपी की 24 किस्तें पूरी होने के बाद ही प्राप्त होगी। बोर्ड बैठक के अन्य मामलों की बात करें तो एआईएफ के संबंध में कुछ छूट दी जा सकती है। सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज के नियम बदल सकते हैं।