मानसून त्वचा की देखभाल: हम सभी जानते हैं कि गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन सर्दियों और बरसात के मौसम में सनस्क्रीन के महत्व को लेकर हम थोड़ा भ्रमित हो जाते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि गर्मियों में सनस्क्रीन जितनी जरूरी है, बारिश के मौसम में सनस्क्रीन लगाना भी उतना ही जरूरी है।
दरअसल, बरसात के मौसम में बादल छाए रहते हैं, इसलिए लोग मानसून में सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते, लेकिन ऐसा करने से आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। अब बारिश का मौसम शुरू हो गया है तो आज के आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मानसून में सनस्क्रीन लगाना कितना जरूरी है।
त्वचा को रूखा होने से बचाता है
मौसम के साथ त्वचा बदलती है और रूखी व बेजान हो जाती है। जिसके कारण त्वचा को पोषण देना बहुत जरूरी है। सनस्क्रीन में मौजूद तत्व त्वचा को मॉइस्चराइज़ करने का काम करते हैं। यह त्वचा में कोशिकाओं की मरम्मत भी करता है। इसलिए आप कोशिश करें कि कम से कम 30+ एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं। इसके अलावा, अपनी त्वचा की देखभाल की दिनचर्या में सनस्क्रीन को शामिल करना न भूलें।
अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाता है ये
तो आप जानते ही होंगे कि सनस्क्रीन अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने में मदद करता है, लेकिन आपको बता दें कि मॉनसून के दौरान महिलाएं अक्सर बाहर धूप में बैठती हैं। यह आपकी त्वचा को बहुत जल्दी नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इसलिए गर्मियों के साथ-साथ सर्दी और मानसून में भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी है।
त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाएं
न सिर्फ सूर्य की किरणों से त्वचा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि घर के अंदर कृत्रिम रोशनी से भी त्वचा को नुकसान पहुंचता है। ये लाइटें आपकी त्वचा में रंजकता और झुर्रियां लाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। इसलिए चाहे आप बाहर जाएं या न जाएं, आपको दिन में कम से कम दो बार सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।