Shortness of Breath : सिर्फ 2 सीढ़ी चढ़कर हांफने लगते हैं? इसे बुढ़ापा समझने की गलती न करें, हो सकती है ये गंभीर बीमारी

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News India Live, Digital Desk: Shortness of Breath : थोड़ा सा चलने पर, दो सीढ़ियां चढ़ने पर या कोई हल्का सा भी काम करने पर क्या आपकी भी सांसें फूलने लगती हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. हममें से ज़्यादातर लोग इसे "स्टैमिना की कमी", "बढ़ती उम्र" या "मोटापा" मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. हमें लगता है कि थोड़ा आराम करने से या गहरी सांस लेने से सब ठीक हो जाएगा.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर बार सांस का इस तरह फूलना सामान्य नहीं होता? यह आपके शरीर का एक गंभीर चेतावनी या सिग्नल हो सकता है, जो यह बताने की कोशिश कर रहा है कि अंदर कुछ ठीक नहीं है. यह एक ऐसी चेतावनी है, जिसे अगर समय रहते नहीं समझा गया, तो यह किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का रूप ले सकती है.

तो चलिए जानते हैं कि सांस फूलना किन-किन गंभीर बीमारियों का शुरुआती लक्षण हो सकता है.

जब सांसें देने लगती हैं खतरे का संकेत

सांस फूलने का मतलब है कि आपके शरीर, खासकर आपके दिल और फेफड़ों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. इसके पीछे ये 5 बड़ी वजहें हो सकती हैं:

1. दिल की बीमारी (Heart Disease)
यह सांस फूलने का सबसे आम और सबसे गंभीर कारण हो सकता है. जब हमारा दिल खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता (जिसे हार्ट फेलियर भी कहते हैं), तो फेफड़ों में पानी जमा होने लगता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है. अगर चलने-फिरने पर या रात को लेटते समय सांस ज़्यादा फूलती है, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें.

2. फेफड़ों की समस्या (Lung Problems)
हमारे फेफड़े ही तो सांस लेने का मुख्य काम करते हैं. अगर उनमें कोई समस्या हो जाए, तो सांस फूलना सबसे पहला लक्षण होता है. अस्थमा (Asthma) या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियों में सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे यह समस्या होती है. धूम्रपान करने वाले लोगों को इसका ज़्यादा खतरा होता है.

3. खून की कमी (Anemia)
यह एक ऐसी वजह है जिस पर लोगों का ध्यान कम ही जाता है. हमारे खून में मौजूद हीमोग्लोबिन ही पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जब शरीर में खून की कमी होती है, तो दिल और फेफड़ों को शरीर की ऑक्सीजन की मांग पूरी करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिस वजह से हमारी सांसें फूलने लगती हैं.

4. तनाव और घबराहट (Anxiety and Panic Attacks)
कई बार सांस फूलने का कारण शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक भी हो सकता है. बहुत ज़्यादा तनाव, चिंता या अचानक घबराहट होने (पैनिक अटैक) पर भी हमारी सांसें तेज़ हो जाती हैं और हमें सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है.

5. किडनी की समस्या (Kidney Disease)
जब हमारी किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में फालतू तरल पदार्थ और नमक जमा होने लगता है. यह तरल पदार्थ फेफड़ों में भी जमा हो सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है.

कब डॉक्टर के पास जाना है ज़रूरी?

अगर आपको सांस फूलने के साथ-साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें:

  • जब बैठे-बैठे या आराम करते हुए भी सांस फूले.
  • सांस फूलने के साथ सीने में दर्द, दबाव या भारीपन महसूस हो.
  • पैरों या टखनों में सूजन आ रही हो.
  • सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आए.
  • हल्का सा बुखार या खांसी हो.
  • आपको चक्कर आ रहे हों या बेहोशी महसूस हो.

आपकी सांसें आपकी सेहत का आईना हैं. उन्हें नज़रअंदाज़ न करें. अपने शरीर के दिए हुए संकेतों को समझें और समय पर सही सलाह लें, क्योंकि सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं.

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