शेयर बाजार में इंट्रा-डे कारोबारियों के लिए चौंकाने वाली खबर, घाटे को लेकर बड़ा अपडेट

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इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है: शेयर बाजार में इंट्राडे व्यापारियों के बीच, विवाहित व्यापारी अविवाहित लोगों की तुलना में बेहतर परिणाम प्राप्त करने में कामयाब रहे हैं। सेबी ने इंट्रा-डे ट्रेडर्स के लिए किए गए एक अध्ययन में यह नतीजा निकाला है। साथ ही, इंट्रा-डे ट्रेडिंग के मामले में महिलाएं पुरुष व्यापारियों की तुलना में अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम रही हैं। इक्विटी कैश सेक्शन महाद्वीप में इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर सेबी के एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है। किसी शेयर को एक ट्रेडिंग सत्र में खरीदना और बेचना दोनों को इंट्रा-डे कहा जाता है। 

विवाहित लोगों को इंट्रा-डे में कम नुकसान होता है
अध्ययन के अनुसार, विवाहित और एकल व्यापारियों के अलावा, पुरुष और महिला व्यापारियों के बीच व्यापार व्यवहार और परिणामों में महत्वपूर्ण अंतर होता है। सेबी ने पाया है कि इक्विटी कैश सेगमेंट में कई प्रमुख क्षेत्रों में इंट्रा-डे विवाहित लोग अविवाहित लोगों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19, 2021-22 और 2022-23 के दौरान अविवाहित व्यापारियों की तुलना में विवाहित व्यापारियों को कम इंट्राडे घाटा हुआ। 2022-23 के दौरान 75 प्रतिशत अविवाहित उद्यमी घाटे में चल रहे थे, जबकि घाटे में चल रहे विवाहित उद्यमियों की संख्या 67 प्रतिशत थी।

शादीशुदा लोगों ने भी की ज्यादा डील
इसके अलावा शादीशुदा कारोबारियों ने भी बड़ी संख्या में डील कीं. सेबी के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू पुरुष और महिला व्यापारियों का तुलनात्मक विश्लेषण है। पिछले कुछ वर्षों में लगातार मुनाफा कमाने वालों में महिला उद्यमियों का अनुपात पुरुष उद्यमियों की तुलना में अधिक था। अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, ‘तीनों वर्षों में महिला उद्यमियों के समूह में लाभ कमाने वालों का अनुपात पुरुष उद्यमियों के समूह की तुलना में अधिक था।’

औसत हानि रु. 38,570
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, 1 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक इंट्राडे कारोबार वाले पुरुष व्यापारियों को औसतन 38,570 रुपये का नुकसान हुआ, जबकि महिला व्यापारियों को इस अवधि के दौरान औसतन 22,153 रुपये का नुकसान हुआ। हालाँकि, ‘इंट्रा-डे’ व्यापारियों में महिलाओं का अनुपात वित्त वर्ष 2018-19 में 20 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 16 प्रतिशत हो गया है।

सेबी ने अपने अध्ययन में पाया है कि व्यापारियों का आयु वर्ग जितना कम होगा, नुकसान का अनुपात उतना अधिक होगा। वहीं, अधिक आयु वर्ग के व्यापारियों को नुकसान का अनुपात कम था। अध्ययन से यह भी पता चला कि इक्विटी कैश सेगमेंट में 10 इंट्रा-डे व्यापारियों में से सात को वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा हुआ।