शिरोमणि कमेटी ने 1984 के कानपुर सिख नरसंहार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी सरकार को दिए गए निर्देशों का स्वागत किया

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1984 के कानपुर सिख दंगे- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 1984 के कानपुर सिख नरसंहार के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को दिए गए निर्देशों का स्वागत किया है। 

गौरतलब है कि जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल द्वारा 2017 में कानपुर सिख नरसंहार मामले से संबंधित एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसकी गंभीरता को देखते हुए शिरोमणि कमेटी इसमें कानूनी सहायता प्रदान कर रही है। शिरोमणि कमेटी द्वारा इन केसों की पैरवी के लिए वरिष्ठ वकील श्री परसून कुमार व एस. गुरबख्श सिंह की सेवाएँ प्रदान की गई हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए शिरोमणि कमेटी के सचिव स. प्रताप सिंह ने कहा कि 1984 में कानपुर में हुए सिखों के नरसंहार के मामले में दोषियों को सजा दिलाने के लिए सिख संगठन लगातार प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को जिन 11 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनमें 2 विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का आदेश दिया है.

साथ ही मुख्य जांच अधिकारी को भी उनका सहयोग करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 4 मामलों को लेकर लंबित अपीलों के संबंध में उच्च न्यायालय को इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुनने का निर्देश दिया गया है. इसी तरह, 9 बंद मामलों के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को याचिकाकर्ताओं को मामलों से संबंधित नाम देने का निर्देश दिया गया है।