Sharad Purnima 2025 : चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त, अर्घ्य का महत्व और अमृतमयी चंद्र किरणों के फायदे

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News India Live, Digital Desk: Sharad Purnima 2025 : शरद पूर्णिमा, जिसे हिंदू धर्म में 'कोजागर पूर्णिमा' या 'रास पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है, साल की सभी पूर्णिमाओं में सबसे खास मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर पृथ्वी पर अमृत बरसाता है. यह रात इतनी पवित्र होती है कि इसका धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है.

कब है शरद पूर्णिमा 2025?

इस साल, यानी 2025 में, शरद पूर्णिमा 27 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी. यह तिथि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ती है.

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा का महत्व और शुभ मुहूर्त:

Live Hindustan की रिपोर्ट के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है और इसकी किरणें बहुत तीव्र होती हैं, जिनमें औषधीय गुण और सकारात्मक ऊर्जा मानी जाती है.

  • चंद्रोदय का समय: 27 अक्टूबर, 2025 को शाम को जैसे ही चंद्रमा का उदय होगा, उस समय से ही इसकी अमृतमयी किरणें बरसनी शुरू हो जाएंगी. पूर्णिमा तिथि 27 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगी और 28 अक्टूबर को रात 08 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए इस अवधि में कभी भी पूजा और अर्घ्य किया जा सकता है, लेकिन चंद्रोदय के तुरंत बाद यह बेहद शुभ होता है.
  • मध्यरात्रि (रात 12 बजे) का महत्व: आधी रात को चंद्रमा अपनी पूरी आभा के साथ चमकता है और उस समय अमृतमयी किरणें धरती पर आती हैं. यही वजह है कि इस रात खीर को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है.

चंद्रमा को अर्घ्य और पूजा के फायदे:

शरद पूर्णिमा की रात चंद्रदेव को अर्घ्य देने और विधि-विधान से पूजा करने से कई चमत्कारी फायदे मिलते हैं:

  1. रोगों से मुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य: ऐसा माना जाता है कि चंद्र किरणों के संपर्क में आने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और आरोग्य की प्राप्ति होती है. रातभर खुले में रखी खीर को खाने से बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है.
  2. धन-धान्य में वृद्धि: शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो लोग जागकर उनकी पूजा करते हैं, उन पर विशेष कृपा बरसाती हैं. यह धन और समृद्धि का दिन है.
  3. मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा: चंद्रमा मन का कारक होता है. इस दिन चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य करने से मन शांत रहता है, तनाव कम होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
  4. प्रेम और वैवाहिक सुख: चंद्रमा की पूजा प्रेम संबंधों में मधुरता लाती है और वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाती है. अविवाहितों को योग्य वर या वधू प्राप्त होने की मान्यता है.
  5. ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति: इस रात मां सरस्वती और देवताओं का भी पूजन होता है, जिससे ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है.

इस रात लोग खीर बनाकर उसे पूरी रात चांदनी में रखते हैं और सुबह उसका सेवन करते हैं. यह धार्मिक परंपरा एक तरह का औषधीय स्नान है. शरद पूर्णिमा की रात का यह विशेष महत्व है, जो हर किसी को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करता है.

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