मुरैना, 23 मई (हि.स.)। नौतपा से दो दिन पहले ही गर्मी का भीषण कहर आरंभ हो गया। इससे दोपहर के समय सडक़ें जहां सुनसान दिखाई दे रही है। वहीं गर्मी के बुखार से चिकित्सालयों में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। गर्मी से बचने के लिये लोग ठण्डे पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। नौतपा के दौरान उच्चतम व न्यूनतम तापमान के बढऩे की प्रबल संभावना है। इसमें थंडर स्टार्क भी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू व तेज गर्मी से बचने के लिये आम आदमी से सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है।
बीते 5 दिवस से तेज गर्मी का सामना आमजन को करना पड़ रहा है। मुरैना जिले में 6 दिवस पूर्व न्यूनतम तापमान 28 तथा उच्चतम तापमान 33 से अचानक बढक़र 31 व 45 पर पहुंच गया। एक साथ उच्चतम तापमान में 12 डिग्री की हुई वृद्धि से जिले में तेज गर्मी का कहर आरंभ हो गया। बीते दो दिनों में गर्म हवाओं के साथ आई हल्की धूल भरी आंधी व बूंदाबांदी भी तापमान पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिखा सकी। तापमान में तीन दिवस के दौरान आई गिरावट के बाद उच्चतम तापमान 44 तथा न्यूनतम तापमान 29 डिग्री दर्ज किया गया है। तेज गर्मी के कारण मजबूरीवश देर सुबह से देर शाम के बीच घर से बाहर आना लोगों की मजबूरी होती है। लोग सिर को ढककर बाहर निकल रहे हैं। गर्मी से राहत पाने के लिये लोग ठण्डे पेय पदार्थों की दुकानों पर एकत्रित हो रहे हैं। इसके बावजूद भी अचानक बढ़ी गर्मी से अधिकांश लोग पीडि़त हो गये हैं।
जिला चिकित्सालय के मेडिकल ऑफिसर डा. योगेश तिवारी ने बताया कि चिकित्सालयों में गर्मी के बुखार व लू से पीडि़त मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। गर्मी का बुखार कई वर्षों के बाद देखा गया है। जिसमें मरीज को ठीक होने में 4 से 5 दिन का समय लग रहा है।
गर्मी से पीडि़त मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुये चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा दवाईयों व ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। जिला चिकित्सालय के आरएमओ सुरेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि मरीजों को दवाईयों के साथ ओआरएस घोल भी निरंतर पीने के लिये सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम आदमी से सुरक्षित रहने के लिये अपील की जा रही है कि अनावश्यक रूप से घर के बाहर न निकलें। आवश्यकतानुसार निकलने पर शरीर व सिर को ढककर बाहर निकले। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में खाली पेट न रहे, पर्याप्त पानी व ठण्डे पेय पदार्थों का निरंतर सेवन करते रहे।